शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय संग्रहालय बना प्रेरणा का केन्द्र, इतिहास और संस्कृति का जीवंत दर्शन

नवा रायपुर स्थित आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में बना शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय संग्रहालय लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। अंग्रेजी शासनकाल के दौरान जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गौरवगाथा को समर्पित यह संग्रहालय, इतिहास और संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।
छत्तीसगढ़ राज्योत्सव रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 नवम्बर को इस संग्रहालय को जनता को समर्पित किया था। 4 नवम्बर से आम नागरिकों के लिए खुले इस संग्रहालय को महज कुछ ही दिनों में 8 हजार से अधिक लोगों ने देखा।
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि यह संग्रहालय जनजातीय वीरों की शौर्यगाथा और बलिदान की याद दिलाता रहेगा, जिससे नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ाव महसूस होगा।
राज्य के विभिन्न जिलों से आए आगंतुकों ने संग्रहालय की भव्यता और ऐतिहासिक प्रस्तुति की सराहना की। किसी ने इसे “ज्ञानवर्धक अनुभव” बताया तो किसी ने “अतीत की यात्रा” जैसा अहसास कहा।
संग्रहालय परिसर में लगे कोयतूर बाजार में बस्तर आर्ट, जनजातीय गहने और पारंपरिक वस्त्रों की बिक्री हो रही है। संचालिका डॉ. भीनू के अनुसार दो दिनों में ही 8 हजार रुपए से अधिक की बिक्री हुई है।
यह संग्रहालय न सिर्फ जनजातीय इतिहास का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय रोजगार और सांस्कृतिक जागरूकता का माध्यम भी बन रहा है।




