नई दिल्ली : इक्विटी होल्डिंग पर प्रस्तावित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 1 अप्रैल 2018 या इसके बाद बिकने वाले शेयरों से होने वाले प्रॉफिट पर लगेगा। सरकार ने सोमवार को कहा कि टैक्स 1 अप्रैल या उसके बाद बिकने वाले शेयरों पर लगेगा लेकिन कैपिटल गेंस का हिसाब लगाने के लिए उसकी एक्विजिशन कॉस्ट 31 जनवरी के मैक्सिमम ट्रेडेड प्राइस या परचेज प्राइस जो भी 'यादा होगा, उसके हिसाब से तय होगी।
वित्त मंत्री ने बजट 2018-19 में शेयरों की बिक्री से हासिल होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था। बजट के बाद शेयरों के दाम में आ रही गिरावट के बाद अब सरकार ने एलटीसीजी टैक्स के बारे में बताने के लिए एफएक्यू का इस्तेमाल किया है। उसका कहना है कि शेयरों की बिक्री से होने वाले प्रॉफिट पर टैक्स नहीं लगाए जाने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के साथ भेदभाव हो रहा था और इससे फाइनैंशल एसेट्स में इन्वेस्टमेंट डायवर्जन को मिल रहा था।
एफएक्यू के मुताबिक, नई टैक्स व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 या उसके बाद हुए ट्रांसफर पर लागू होगी होगी और 1 फरवरी 2018 से 31 मार्च 2018 के बीच हुए ट्रांसफर पर ऐक्ट के सेक्शन 10 के क्लॉज 38 के तहत एग्जेम्पशन मिलेगा। एक इंडस्ट्री इवेंट पर फाइनेंस सेक्रेटरी हसमुख अढिय़ा ने कहा कि इक्विटी मार्केट में जोरदार बिकवाली की वजह 14 साल बाद फिर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाना नहीं बल्कि कमजोर ग्लोबल सेंटीमेंट है।
फिलहाल, एक साल से पहले शेयरों की बिक्री से हासिल प्रॉफिट पर 15 पर्सेंट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। लेकिन एक साल बाद शेयर बेचे जाने पर हासिल प्रॉफिट अब तक टैक्स फ्री रहती थी। सोमवार को बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स सेंसेक्स 0.88 पर्सेंट और निफ्टी 0.87 पर्सेंट गिरावट के साथ बंद हुआ। निवेशकों ने लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में जमकर प्रॉफिट बुकिंग की। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेज उछाल के चलते पिछले हफ्ते अमेरिकी शेयर बाजार में तेज गिरावट आई थी जिसके चलते सोमवार को ग्लोबल मार्केट 2.4 पर्सेंट तक टूट गए।
एफएक्यू के मुताबिक, प्रस्तावित नई टैक्स व्यवस्था में कैपिटल गेंस टैक्स लिस्टेड कंपनियों के इक्विटी शेयरों, इक्विटी ओरिएंटेड फंड की यूनिटों और बिजनस ट्रस्ट की यूनिटों पर लगेगा। पोर्टफोलियो में इनका कम से कम 12 महीने रहना जरूरी है।
वेतनभोगी, कारोबारी लोगों के कर भुगतान में असमानता: अढिय़ा
वेतनभोगी वर्ग और कारोबारी जगत की ओर से किए जाने वाले आयकर भुगतान में असमानता है। वित्त सचिव हसमुख अढिय़ा ने सोमवार को कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली 7 लाख कंपनियों में से करीब 50 प्रतिशत शून्य या नकारात्मक आय दिखाती हैं। सीआईआई की बजट बाद बैठक को संबोधित करते हुए अढिय़ा ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में वेतनभोगी लोग कारोबारी लोगों की तुलना में अधिक कर अदा कर रहे हैं।
आकलन वर्ष 2016-17 में 1.89 करोड़ वेतनभोगी लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया और कुल 1.44 लाख करोड़ रुपये का कर दिया। प्रति व्यक्ति वेतनभोगी करदाता यह औसतन 76,306 रुपये बैठता है। वहीं 1.88 करोड़ व्यक्तिगत कारोबारी करदाताओं और पेशेवरों ने कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर अदा किया। औसतन यह प्रति कारोबारी करदाता 25,753 रुपये बैठता है। अप्रैल 2014 में प्रभावी करदाता आधार 6.47 करोड़ का था, जो मार्च, 2017 तक बढक़र 8.27 करोड़ हो गया।
००(नईदिल्ली)एलटीसीजी टैक्स 1 अप्रैल के बाद शेयरों की बिक्री पर लगेगा
नई दिल्ली ,06 फरवरी (आरएनएस)। इक्विटी होल्डिंग पर प्रस्तावित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स 1 अप्रैल 2018 या इसके बाद बिकने वाले शेयरों से होने वाले प्रॉफिट पर लगेगा। सरकार ने सोमवार को कहा कि टैक्स 1 अप्रैल या उसके बाद बिकने वाले शेयरों पर लगेगा लेकिन कैपिटल गेंस का हिसाब लगाने के लिए उसकी एक्विजिशन कॉस्ट 31 जनवरी के मैक्सिमम ट्रेडेड प्राइस या परचेज प्राइस जो भी ज्यादा होगा, उसके हिसाब से तय होगी।
वित्त मंत्री ने बजट 2018-19 में शेयरों की बिक्री से हासिल होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था। बजट के बाद शेयरों के दाम में आ रही गिरावट के बाद अब सरकार ने एलटीसीजी टैक्स के बारे में बताने के लिए एफएक्यू का इस्तेमाल किया है। उसका कहना है कि शेयरों की बिक्री से होने वाले प्रॉफिट पर टैक्स नहीं लगाए जाने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के साथ भेदभाव हो रहा था और इससे फाइनैंशल एसेट्स में इन्वेस्टमेंट डायवर्जन को मिल रहा था।
एफएक्यू के मुताबिक, नई टैक्स व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 या उसके बाद हुए ट्रांसफर पर लागू होगी होगी और 1 फरवरी 2018 से 31 मार्च 2018 के बीच हुए ट्रांसफर पर ऐक्ट के सेक्शन 10 के क्लॉज 38 के तहत एग्जेम्पशन मिलेगा। एक इंडस्ट्री इवेंट पर फाइनेंस सेक्रेटरी हसमुख अढिय़ा ने कहा कि इक्विटी मार्केट में जोरदार बिकवाली की वजह 14 साल बाद फिर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाना नहीं बल्कि कमजोर ग्लोबल सेंटीमेंट है।
फिलहाल, एक साल से पहले शेयरों की बिक्री से हासिल प्रॉफिट पर 15 पर्सेंट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। लेकिन एक साल बाद शेयर बेचे जाने पर हासिल प्रॉफिट अब तक टैक्स फ्री रहती थी। सोमवार को बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स सेंसेक्स 0.88 पर्सेंट और निफ्टी 0.87 पर्सेंट गिरावट के साथ बंद हुआ। निवेशकों ने लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में जमकर प्रॉफिट बुकिंग की। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेज उछाल के चलते पिछले हफ्ते अमेरिकी शेयर बाजार में तेज गिरावट आई थी जिसके चलते सोमवार को ग्लोबल मार्केट 2.4 पर्सेंट तक टूट गए।
एफएक्यू के मुताबिक, प्रस्तावित नई टैक्स व्यवस्था में कैपिटल गेंस टैक्स लिस्टेड कंपनियों के इक्विटी शेयरों, इक्विटी ओरिएंटेड फंड की यूनिटों और बिजनस ट्रस्ट की यूनिटों पर लगेगा। पोर्टफोलियो में इनका कम से कम 12 महीने रहना जरूरी है।
वेतनभोगी, कारोबारी लोगों के कर भुगतान में असमानता: अढिय़ा
वेतनभोगी वर्ग और कारोबारी जगत की ओर से किए जाने वाले आयकर भुगतान में असमानता है। वित्त सचिव हसमुख अढिय़ा ने सोमवार को कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली 7 लाख कंपनियों में से करीब 50 प्रतिशत शून्य या नकारात्मक आय दिखाती हैं। सीआईआई की बजट बाद बैठक को संबोधित करते हुए अढिय़ा ने कहा कि व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में वेतनभोगी लोग कारोबारी लोगों की तुलना में अधिक कर अदा कर रहे हैं।
आकलन वर्ष 2016-17 में 1.89 करोड़ वेतनभोगी लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया और कुल 1.44 लाख करोड़ रुपये का कर दिया। प्रति व्यक्ति वेतनभोगी करदाता यह औसतन 76,306 रुपये बैठता है। वहीं 1.88 करोड़ व्यक्तिगत कारोबारी करदाताओं और पेशेवरों ने कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर अदा किया। औसतन यह प्रति कारोबारी करदाता 25,753 रुपये बैठता है। अप्रैल 2014 में प्रभावी करदाता आधार 6.47 करोड़ का था, जो मार्च, 2017 तक बढक़र 8.27 करोड़ हो गया।