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मॉस्को : फीफा विश्व कप के फाइनल में शामिल होंगे पुतिन

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन फीफा विश्व कप के फाइनल मैच में शामिल होंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी तास की रिपोर्ट के अनुसार, पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा कि अगर राष्ट्रपति ने रूस के मैच नहीं देखे, तो इसका मतलब यह नहीं कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के फुटबाल खिलाडिय़ों का समर्थन नहीं किया।

प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा, राष्ट्रपति नियमित रूप से राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच स्तानिस्लाव चेरशेसोव के संपर्क में थे। रूस की टीम को विश्व कप के चर्टर फाइनल में क्रोएशिया के खिलाफ पेनाल्टी शूटआउट में मिली हार के कारण बाहर होना पड़ा। विश्व कप का फाइनल मैच मॉस्को में 15 जुलाई को खेला जाएगा।

 

2 ) सेंट पीटर्सबर्ग : फीफा विश्व कप : आज पहले सेमीफाइनल में फ्रांस से भिड़ेगा बेल्जियम

सेंट पीटर्सबर्ग : बेल्जियम की टीम फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के पहले सेमीफाइनल में आज सेंट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में फ्रांस से भिड़ेगी। बेल्जियम 32 साल के लंबे इंतजार के बाद अंतिम-4 में पहुंचने में कामयाब हुआ है लेकिन फ्रांस जैसी मजबूत टीम को हराना उसके लिए कड़ी चुनौती होगी। 1998 में पहली बार विश्व कप जीतने वाले फ्रांस को शुरूआत से ही खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

इस विश्व कप में अभी तक बेल्जियम ने दमदार प्रदर्शन किया है और सभी मैचों में जीत दर्ज की है। ईडन हैजार्ड की कप्तानी में टीम ने प्रतियोगिता का शानदार आगाज करते हुए पहले मुकाबले में पनामा को 3-0 से शिकस्त दी। अगले दो मैचों में भी बेल्जियम को कोई खास परेशानी नहीं हुई और ट्यूनिशिया को 5-2 एवं इंग्लैंड को 1-0 से हराकर टीम ने नॉकआउट दौर में प्रवेश किया।

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प्री-चर्टर फाइनल मुकाबले में बेल्जियम को जापान ने कड़ी टक्कर दी और एक समय एशियाई देश ने 2-0 की बढ़त बना ली। हालांकि, बेल्जियम ने हार नहीं मानी और मैच में शानदार वापसी करते हुए 3-2 से जीत दर्ज की। चर्टर फाइनल में उसका सामना पांच बार की विजेता ब्राजील से हुआ। ब्राजील के खिलाफ शुरू से ही बेल्जियम ने आक्रामक खेले दिखाया और मैच को 2-1 से अपने नाम किया।

मैनचेस्टर युनाइटेड से खलने वाले स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू ने इस टूनार्मेंट में अपने देश के लिए कमाल का प्रदर्शन करते हुए कुल चार गोल दागे हैं। लुकाकू के अलावा ईडन हैजार्ड और केविन डे ब्रूने ने भी अपने दमदार प्रदर्शन से फारवर्ड लाइन के मजबूती प्रदान की है। टीम का डिफेंस भी इस विश्व कप में बेहतरीन रहा और गोलकीपर तिबाउट कोर्टुआ ने अहम मौकों पर शानदार बचाव करते हुए अपनी टीम की जीत में अहम योगदान दिया है।

दूसरी ओर फ्रांस की टीम 1998 के बाद पहली बार खिताब जीतने के इरादे से मैदान में उतरेगी। जर्मनी में 2006 में हुए विश्व कप में फ्रांस फाइनल तक पहुंचा था लेकिन इटली से पेनाल्टी शूटआउट में हार के बाद उसे खिताब से महरूम रहना पड़ा था। फ्रांस पांच जीत और एक ड्रॉ के साथ टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचा है।

फ्रांस की शुरुआत धीमी रही थी, उसने अपने पहले मैच में आस्ट्रेलिया को 2-1 जबकि दूसरे मैच में पुरू को 1-0 से हराया था। अंतिम ग्रुप मैच में फ्रांस को डेनमार्क से गोल रहित ड्रॉ खेलना पड़ा था। नॉकआउट स्तर में फ्रांस ने आक्रमक खेल दिखाते हुए प्री-चर्टर फाइनल में अर्जेंटीना पर 4-3 और चर्टर फाइनल में उरुग्वे पर 2-0 से आसान जीत दर्ज की।

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