दो साल में बदली जशपुर की सेहत की तस्वीर, आधुनिक अस्पतालों और एंबुलेंस नेटवर्क से मजबूत हुआ स्वास्थ्य तंत्र

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में जशपुर जिला की स्वास्थ्य सेवाओं ने ऐसा कायाकल्प देखा है, जिसने जिले को सीमित संसाधनों की छवि से निकालकर आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था की कतार में खड़ा कर दिया है। कभी इलाज और सुरक्षित प्रसव के लिए दूर-दराज़ भटकने वाले लोगों को अब अपने ही जिले में बेहतर उपचार मिल रहा है। डायलिसिस जैसी जटिल सेवाएं, जो पहले सपना थीं, अब आमजन की पहुंच में आती दिख रही हैं।
स्वास्थ्य अधोसंरचना को नई ऊंचाई देने के लिए मेडिकल कॉलेज की स्थापना को 359 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। इसके साथ 220 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक अस्पताल के निर्माण हेतु 32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। अखिल भारतीय कल्याण आश्रम परिसर में 35 करोड़ की लागत से आधुनिक चिकित्सालय तेज़ी से आकार ले रहा है, वहीं 8.78 करोड़ रुपये की लागत से नर्सिंग कॉलेज भवन की स्वीकृति से प्रशिक्षित स्टाफ की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर फोकस
कुनकुरी में 50 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु अस्पताल का निर्माण 8.77 करोड़ रुपये से प्रगति पर है। इसके अलावा 14 करोड़ की लागत से फिजियोथेरेपी महाविद्यालय और 2.62 करोड़ से नेचुरोपैथी भवन की स्वीकृति ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बहुआयामी बनाया है। फरसाबहार मुख्यालय में सत्य साईं मातृत्व-शिशु चिकित्सालय की स्थापना से न सिर्फ जिले, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों को भी लाभ मिलेगा—नागलोग क्षेत्र के लिए यह बड़ी सौगात मानी जा रही है।
आपात सेवाओं को नई रफ्तार
आपात स्थितियों में त्वरित मदद के लिए जिले को 10 नई 108 संजीवनी एंबुलेंस मिली हैं। अब कुल 24 संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस जीवनरक्षक सेवाएं दे रही हैं। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस की 18 एंबुलेंस सक्रिय हैं। हर विकासखंड में शव वाहन की उपलब्धता ने ग्रामीण परिवारों को कठिन समय में राहत दी है।
ग्रामीण स्वास्थ्य को मजबूती
कोतबा में 4.37 करोड़ रुपये से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की मंजूरी के साथ फरसाबहार तहसील के पेटामारा (अंकिरा) व गांझियाडीह, दुलदुला के करडेगा व सीरिमकेला तथा कुनकुरी के केराडीह में पांच नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्वीकृत हुए हैं। इससे गांव-गांव तक इलाज की पहुंच और मजबूत होगी।
कुल मिलाकर, जशपुर आज स्वास्थ्य सेवाओं के नए युग में प्रवेश कर चुका है। ये बदलाव सिर्फ इमारतों और संसाधनों तक सीमित नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ते ठोस कदम हैं।




