जगद्गुरु रामभद्राचार्य के “मिनी पाकिस्तान” बयान पर चंद्रशेखर आज़ाद का तीखा हमला

पश्चिमी उत्तर प्रदेश को “मिनी पाकिस्तान” कहने वाले जगद्गुरु रामभद्राचार्य अब खुद विवादों में फंसते जा रहे हैं। अब इस बहस में आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद भी कूद पड़े हैं।
बरेली में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने बिना नाम लिए सीधे रामभद्राचार्य पर कटाक्ष करते हुए कहा:
“एक ऐसे संत हैं जिनकी आंखें नहीं हैं, सोचिए उनके कितने पाप होंगे?”
चंद्रशेखर यहीं नहीं रुके — उन्होंने कहा,
“अगर पिछले जन्म के कर्मों का फल मिलता है, तो सोचिए उन्होंने क्या-क्या किया होगा जो कुदरत ने उन्हें आंखें तक नहीं दीं।”
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि
“संत की न तो जाति होती है, न धर्म। संत सबका होता है, समाज का होता है।”
❝मेरठ को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहना अपमान है❞
चंद्रशेखर ने मेरठ की ऐतिहासिकता को याद दिलाते हुए कहा:
“ये वही ज़मीन है जहां से 1857 की क्रांति की चिंगारी उठी थी। यहां के किसानों ने अंग्रेजों की नींव हिला दी थी। और आज उसी धरती को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहना निंदनीय है।”
रामभद्राचार्य के बयान पर न सिर्फ राजनीतिक दल, बल्कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जैसे धर्मगुरु भी आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा,
“योगी राज में पाकिस्तान बन रहा है, ये खुद सोचने का विषय है।”
अब ये मामला धर्म, राजनीति और समाज तीनों में बहस का कारण बन चुका है।




