अंधविश्वास बना हैवानियत की वजह – बेटे के इलाज के लिए ली मासूम की बलि

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक व्यक्ति ने अपने ही मानसिक रूप से बीमार बेटे के इलाज के लिए तंत्र-मंत्र में फंसकर तीन साल के मासूम की बलि चढ़ा दी।
आरोपी राजू कोरवा (40) ने 1 अप्रैल 2024 को इलबासा के जंगल में खेल रहे बच्चे अजय नगेशिया को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। उसने पहले उसे मिठाई और बिस्कुट खिलाए। फिर ‘महादानी देवता’ के नाम पर पूजा कर लोहे की छुरी से उसका गला रेत दिया।
हत्या के बाद सिर को घर में छिपाया, फिर डर के मारे नाले में दफनाया
अपनी करतूत छुपाने के लिए आरोपी ने बच्चे का सिर घर में छिपा दिया और धड़ को गांव के बाहर नाले के पास दफना दिया। जब गांव में तलाश शुरू हुई, तो उसने सिर भी जाकर नाले में दफना दिया।
सवा साल बाद खुला राज, आरोपी ने खुद कर दी थी ‘बड़ी पूजा’ की बात
करीब सवा साल तक मामला गुमशुदगी तक ही सीमित रहा। लेकिन हाल ही में राजू कोरवा ने गांव के लोगों से ‘बड़ी पूजा’ करने की बात कही। इसी से शक गहरा गया। सूचना पुलिस तक पहुंची और पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
मानसिक बीमारी के इलाज के लिए ‘बलि’ का अंधविश्वास
पुलिस पूछताछ में राजू ने बताया कि उसका बड़ा बेटा मानसिक रूप से कमजोर और मिर्गी का मरीज है। किसी ने उसे सलाह दी थी कि बलि देने से देवता खुश होकर बेटे की बीमारी ठीक कर देंगे। इसी अंधविश्वास ने उसे हैवान बना दिया।
हड्डियां बरामद, आरोपी जेल भेजा गया
राजू के बताने पर पुलिस ने तहसीलदार की मौजूदगी में नाले की खुदाई कराई। वहां से बच्चे की सिर और धड़ की हड्डियां बरामद हुईं। हत्या में इस्तेमाल लोहे की छुरी भी मिली।
सामरी थाना पुलिस ने आरोपी को 15 जुलाई को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। उस पर अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने बताया कि बच्चे की गुमशुदगी के बाद लगातार जांच चल रही थी। आखिरकार आरोपी की जुबान खुलते ही पूरा सच सामने आया, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया।