नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में नोडल अधिकारी और मास्टर ट्रेनर्स की अहम भूमिका : उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें नई शिक्षा नीति 2020 पर विस्तृत चर्चा हुई। मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर और एनईपी इम्प्लीमेंटेशन सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा ने NEP को शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला दस्तावेज बताया।
उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि इसमें कौशल विकास, रोजगारपरक शिक्षा और अनुसंधान को प्राथमिकता दी गई है। उच्च शिक्षा संस्थानों को अकादमिक उत्कृष्टता हासिल करने और युवाओं को उज्ज्वल भविष्य देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
कार्यशाला में नोडल अधिकारियों और मास्टर ट्रेनर्स को संबोधित करते हुए वर्मा ने कहा, “किसी भी नीति की सफलता उसकी जमीनी क्रियान्वयन क्षमता पर निर्भर करती है, और इस जिम्मेदारी के मुख्य सूत्रधार आप सभी हैं।”
उन्होंने सेमेस्टर प्रणाली, क्रेडिट ट्रांसफर, बहुविषयक पाठ्यक्रम और कौशल आधारित शिक्षा को समयबद्ध ढंग से लागू करने की बात पर जोर दिया।
मास्टर ट्रेनर्स को उन्होंने “नीति परिवर्तन के असली मार्गदर्शक” कहा और अपील की कि वे नीति की जटिलताओं को समझकर अपने सहकर्मी शिक्षकों को प्रशिक्षित करें। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बदलाव चुनौतियों के बिना नहीं आता – संसाधनों की कमी और पुरानी व्यवस्थाएं रुकावट बन सकती हैं, लेकिन उनका समाधान ही आगे का रास्ता है।
कार्यशाला को उन्होंने “साझा सीखने और टीमवर्क” का मंच बताते हुए कहा कि शिक्षा में सुधार केवल नीतिगत आदेश नहीं, बल्कि हर छात्र और परिवार की उम्मीदों से जुड़े होते हैं।
अंत में, उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया – “सा विद्या या विमुक्तये” – यानी, वही शिक्षा सच्ची है जो हमें बंधनों से मुक्त करे और हमारे व्यक्तित्व को निखारे।
कार्यक्रम में कुलपति, प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।



