छत्तीसगढ़ के सूरजपुर की 75 पंचायतें घोषित हुईं बाल विवाह मुक्त, सामाजिक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर छत्तीसगढ़ ने एक बड़ी सामाजिक उपलब्धि हासिल की है। सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है। बीते दो वर्षों में इन पंचायतों में बाल विवाह का एक भी मामला सामने नहीं आने पर यह मान्यता दी गई।
इस सफलता के पीछे महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े की सतत पहल और नेतृत्व को अहम माना जा रहा है। उनके मार्गदर्शन में गाँव-गाँव तक जागरूकता फैलाई गई, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को सक्रिय किया गया और समुदाय को इस मुहिम से जोड़ा गया।
लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि सूरजपुर की यह पहल पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी। प्रधानमंत्री के अमृत महोत्सव वर्ष में यह उपलब्धि समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। जिला प्रशासन ने इस अभियान में सभी सहभागी वर्गों की भूमिका की सराहना की — विशेषकर महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदाय की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में 10 मार्च 2024 को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत हुई थी, जिसे यूनिसेफ के सहयोग और मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने बाल विवाह उन्मूलन को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा है और जनजागरूकता, निगरानी और सामाजिक भागीदारी को लगातार मज़बूत किया जा रहा है।
सूरजपुर की सफलता से प्रेरित होकर अब अन्य जिलों में भी पंचायतों और नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जहां बीते दो वर्षों में बाल विवाह के मामले नहीं आए हैं, वहां जल्द ही प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे।




