आदिवासी कौशल ठाकुर की प्रदेश के मुखिया से हाथ जोड़कर प्रार्थना, मेरा मकान दिला दीजिये
प्रदेश के मुखिया से न्याय की गुहार

रायपुर, कहते हैं कानून अंधा होता है, वो अमीरी गरीबी नहीं देखता लेकिन जिस तरह से चंद दिनों में अमीर को न्याय मिल जाता है, या उनके केस की सुनवाई हो जाती है. औऱ गरीब सालों तक कानून के दरवाजे पर जूते घिसता है. उससे ये जरूर लगता है कि कानून की आंखों पर बंधी पट्टी में कहीं न कहीं छेद जरूर है, जिसे अमीर दिखाई दे जाता है. जबकि गरीब उस छेद में से नजर नहीं आता है.
कंगना केस में आया कोर्ट का आदेश
जी हां हम यह इसलिये कह रहे हैं कि हाल ही मैं हमने देखा कि मुंबई नगर निगम ने जब अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस की इमारत को गिराया था. इसके चंद रोज बाद ही कोर्ट ने उसकी भरपाई के आदेश निगम को दिए. कम वक्त में इतनी तेजी से इंसाफ मिले यह अच्छी बात है. लेकिन हर केस में कानून इतने जल्दी फैसला सुना दे तो कोई कौशल ठाकुर इंसाफ के लिए गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा, सालों तक ठोकरें नहीं खाएगा.
8 साल से कोर्ट में पेंडिंग है केस

रायपुर के भाटापारा में रहने वाला ये कौशल ठाकुर है, पट्टे में नजूल की जमीन पर घर मिला था. कौशल का कहना है कि करीब 300 वर्गफिट की जमीन पर बने इस घर को उसने निवेदन करने पर रियाज खान को कुछ दिन के लिए रहने के लिए दे दिया था. लेकिन रियाज खान ने उसपर कब्जा जमा लिया.
केस चलता रहा आरोपी ने बेच दिया घर

बात जब बिगड़ी तो कौशल ने थाने में शिकायत की लेकिन थाने से उसे कोर्ट जाने के लिए कह दिया गया. इसके बाद साल 2012 में कौशल ने कोर्ट में केस लगाया जिसकी पेशी चल रही थी. कौशल ने बताया कि आज दिनांक यानि 1 दिसंबर 2020 को भी पेशी थी. लेकिन रियाज खान ने मकान बेच दिया है. और जिसे मकान बेचा गया है उसने मकान को गिरा दिया है.
सीएम से लगाई न्याय की गुहार
अब कौशल ठाकुर ने हाथ जोड़कर प्रदेश के मुखिया, राज्यपाल और महापौर से उसे इंसाफ दिलाने की अपील भी की है.
आपको बता दें कि कानूनन नजूल की जमीन की खरीदी बिक्री नहीं की जा सकती है. लेकिन कौशल ठाकुर के केस में किस तरह से इसकी खरीदी बिक्री की गई. ये भी जांच का विषय जरूर है.