बीजापुर में उर्वरक वितरण पर सख्ती: स्टॉक और पीओएस आंकड़ों में मेल नहीं, दो दिन में सुधार का अल्टीमेटम

बीजापुर। जिले में उर्वरक वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए कृषि विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। विभाग की निरीक्षण टीम ने हाल ही में जिले के विभिन्न आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित (लैम्प्स) और निजी कृषि सेवा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया, जहां कई अनियमितताएं सामने आईं।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि गोदामों में उपलब्ध भौतिक उर्वरक स्टॉक और पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों में दर्ज आंकड़ों के बीच स्पष्ट अंतर है। इस पर विभाग ने सभी लैम्प्स प्रबंधकों और निजी विक्रेताओं को दो दिनों के भीतर स्टॉक की सही जानकारी पीओएस मशीन में दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर निर्धारित समय में सुधार नहीं हुआ तो संबंधितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कहां कितना स्टॉक मिला?
निरीक्षण में गंगालूर लैम्प्स में 10.740 टन, आवापल्ली में 33.20 टन, इलमिडी में 195.79 टन, चिलकापल्ली में 66.30 टन, बासागुड़ा में 107.735 टन, बीजापुर के धुरवा कृषि केंद्र में 13.900 टन और आवापल्ली के बालाजी कृषि केंद्र में 1.05 टन उर्वरक का स्टॉक पाया गया। कुल 428.715 टन उर्वरक का भौतिक सत्यापन किया गया।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
जांच दल ने सभी संबंधितों को वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने और रिकॉर्ड की सटीकता सुनिश्चित करने की सख्त हिदायत दी है। कृषि विभाग का कहना है कि किसानों तक उर्वरकों की सही मात्रा और समय पर पहुंच सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
यह कार्रवाई उप संचालक कृषि, बीजापुर के निर्देश पर की गई, जिसमें सहायक संचालक कृषि श्री कृष्ण कुमार सिन्हा, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री सी.पी. देवांगन और कृषि विकास अधिकारी श्री वी.एस. कुमार शामिल थे।




