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धमतरी में ‘छत्तीसकला’ ब्रांड की उड़ान — ग्रामीण महिलाओं की आजीविका, उद्यमिता और डिजिटल सशक्तिकरण को नई ताकत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में बुधवार का दिन ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आजीविका को नई रफ़्तार देने वाला साबित हुआ। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान एकीकृत राज्य ब्रांड ‘छत्तीसकला’ और डिजिटल फाइनेंस बुकलेट का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत हजारों ग्रामीण महिलाएँ शामिल हुईं।

‘छत्तीसकला’ ब्रांड— महिलाओं के हुनर को राष्ट्रीय पहचान

राज्य सरकार और छत्तीसगढ़ ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा शुरू किए गए इस ब्रांड का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को एकीकृत पहचान, बेहतर पैकेजिंग और बड़े बाजार से जोड़ना है। इसके अंतर्गत मिलेट आधारित खाद्य उत्पाद, चाय, अचार, स्नैक्स, ढोकरा आर्ट, बांस एवं मिट्टी शिल्प, हैंडलूम, अगरबत्ती और पूजा सामग्री जैसे कई उत्पाद शामिल हैं।
यह ब्रांड महिलाओं के हुनर को न सिर्फ राज्य, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

बीसी सखियों की सफलता— डिजिटल फाइनेंस बुकलेट जारी

कार्यक्रम में 48 बीसी सखियों की प्रेरक कहानियों पर आधारित डिजिटल फाइनेंस बुकलेट का भी विमोचन किया गया।
राज्य में वर्तमान में 3775 बीसी सखियाँ सक्रिय हैं, जो घर–घर बैंकिंग सेवाएँ पहुंचाकर अब तक 3033.48 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन कर चुकी हैं।
जो महिलाएँ कभी घर से बाहर निकलने में संकोच करती थीं, वही आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं।

महिला समूहों को बड़ी वित्तीय सहायता

इस अवसर पर हजारों स्व-सहायता समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई—

1080 समूहों को 1.62 करोड़ रुपये की रिवॉल्विंग निधि

8340 समूहों को 50.04 करोड़ रुपये की सामुदायिक निवेश निधि

बैंक लिंकेज के रूप में 229.74 करोड़ रुपये

1533 महिला उद्यमियों को 6.23 करोड़ रुपये का उद्यमिता ऋण

यह सहयोग ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने, नए उद्यम शुरू करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

आत्मनिर्भर ग्रामीण छत्तीसगढ़ का नया अध्याय

धमतरी का यह आयोजन सिर्फ सहायता वितरण नहीं, बल्कि ग्रामीण नेतृत्व, महिला समृद्धि और आर्थिक आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत है। ‘छत्तीसकला’ ब्रांड, बीसी सखी मॉडल और बड़े पैमाने पर वित्तीय समर्थन— ये तीनों मॉडल मिलकर ग्रामीण छत्तीसगढ़ की दिशा बदलने की क्षमता रखते हैं।

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