छत्तीसगढ़बीजापुर

विधायक निवास के पास रोज जोखिम में रहती है बच्चों की जान

शासकीय स्कूलों की बदहाल स्थिति और लचर हो चुकी शिक्षा व्यवस्था से त्रस्त होकर आर्थिक रूप से सक्षम अभिभावक अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनका दाखिला नीजी स्कूलों में करवाते हैं, मगर बीजापुर में एक ऐसा निजी स्कूल संचालित है, जिसकी स्थिति शासकीय स्कूल से भी बद बदत्तर है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि इस स्कूल का संचालन कांग्रेसी विधायक विक्रम शाह मंडावी के आलिशान शासकीय आवास से महज़ 5 मीटर की दूरी पर हो रहा है.

बीजापुर में कांग्रेसी विधायक विक्रम शाह मंडावी के आलीशान शासकीय आवास से महज़ 5 मीटर की दूरी पर 145 बच्चे खंडहर में तब्दील हो चुके निजी स्कूल में अपनी जान और भविष्य दोनों दांव पर लगाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. शहर के हृदय स्थल में संचालित इस स्कूल की बदहाल तस्वीर को देखकर आप शिक्षा विभाग की उदासीनता और लापरवाही का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

सरस्वती शिक्षा मंदिर के नाम पर संचालित इस स्कूल के संचालक न केवल शिक्षा के अधिकार क़ानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. बल्कि मासूमों के जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं. खंडहर में तब्दील हो चुके स्कूल भवन में 145 बच्चे अध्ययनरत हैं. इस स्कूल में जगह जगह बिजली के तार लटके मिलेंगे जो किसी बड़ी अनहोनी को न्यौता दे रहे हैं तो वहीं दीवारों से झांकतीं बड़ी बड़ी दरारें किसी बड़ी दुर्घटना की ओर इशारा करतीं हैं. तबेले या फिर कबाड़ में तब्दील हो चूकीं 5 कमरों में 8 कक्षाएं संचालित की जा रहें हैं.

अध्ययनरत छात्र बताते हैं कि, वो समय पर स्कूल फीस चुका देते हैं, मगर स्कूल में वैसी सुविधायें नही मिलतीं जिसके हकदार वो हैं. बता दें कि, किसी भी निजी स्कूल को मान्यता देने से पहले शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों द्वारा उस स्कूल का निरिक्षण कर शिक्षा के अधिकार क़ानून के तहत आने वाली 20 से अधिक बिन्दुओं का गहराई से आंकलन करते हैं. यदि निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार क़ानून के इन 20 से अधिक बिन्दुओं पर खरे उतरते हैं तब ही उस स्कूल को मान्यता दी जाती है. वरना उसकी मान्यता रद्द कर दी जाती है.

इसके बाद भी शिक्षा सत्र के दौरान आये दिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा स्कूल का समय समय पर निरिक्षण किया जाना होता है. मगर बीजापुर जिला मुख्यालय के हृदय स्थल और शासकीय विधायक आवास से महज़ 5 मीटर की दूरी पर संचालित इस स्कूल की बदहाल तस्वीर ज़िम्मेदारों के ईमान पर करारा तमाचे से कम नहीं. क्योंकि हर रोज़ जिले के कई बड़े अधिकारी विधायक जी के पास अपनी हाजिरी लगाने आते हैं. मगर किसी भी ज़िम्मेदार की नजर संभवतः इस स्कूल पर नहीं पड़ी. पड़ी भी होगी तो ज़िम्मेदार देखकर भी अनदेखा किये होंगे.

अब नव निर्वाचित कांग्रेसी विधायक विक्रम शाह मंडावी कलेक्टर से बात कर स्कूल संचालक पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं. विक्रम शाह मंडावी का कहना है कि मामले में कलेक्टर को उचित कर्रवाई करने के लिए कहा जाएगा. व्यवस्था जल्द सुधरे इसके लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी

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