
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि कोई शख्स एक बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ देने के बाद आम आदमी के बराबर हो जाता है। शीर्ष अदालत के इस फैसले को यूपी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश सुनाया है
शीर्ष अदालत ने सोमवार को लोक प्रहरी संस्था की याचिका पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का आधिकार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐक्ट का सेक्शन 4(3) असंवैधानिक है।
कोर्ट ने यूपी मिनिस्टर सैलरी अलाउंट ऐंड मिसलेनियस प्रॉविजन ऐक्ट के उन प्रावधानों को रद्द कर दिया है
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने बंगले खाली करने होंगे, उनमें मुलायम सिंह यादव, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बीएसपी प्रमुख मायावती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी और अखिलेश यादव शामिल हैं।शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, एक बार सीएम अपना पद छोड़ दे तो वह आम आदमी के बराबर है। अदालत ने कहा, यूपी सरकार ने कानून में संशोधन कर जो नई व्यवस्था दी थी, वह असंवैधानिक है।
2 ) लखनऊ : मायावती पर सीबीआई का शिकंजा
लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती फिर से सीबीआई जांच के घेरे में आ गई हैं. जल्द ही सीबीआई उन पर शिकंजा कस सकती है. सीबीआई ने 21 चीनी मिलों की बिक्री की जांच शुरू कर दी है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले हो रही इस कार्रवाई में मायावती के अलावा मायावती के करीबी रहे नसीमुद्दीन सिद्दिकी भी फंस सकते हैं. संभावना जताई जा रही है कि आज मायावती इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती हैं.
सीबीआई ने 21 चीनी मिलों की बिक्री की जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि 21 चीनी मिलों की बिक्री का मामला योगी सरकार में फिर उछला है. सीबीआई ने पूरे मामले को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने बिक्री के दस्तावेजों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है. मायावती पर जल्द ही मामले में एफआईआर भी दर्ज हो सकती है. इस मामले में कई आईएएस अफसर और नेता भी जांच के घेरे में हैं. सीबीआई ने जांच की बात स्वीकार की है.
मायावती पर जल्द ही मामले में एफआईआर भी दर्ज हो सकती है
गौरतलब है इस मामले में नसीमुद्दीन ने मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा का नाम लिया था. वहीं, सीएम योगी ने चीनी मिल बेचे जाने को बड़ा घोटाला बताया था. इन मिलों में देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला चीनी मिलें शामिल हैं. वहीं चित्तौनी और बाराबंकी की भी चीनी मिलों पर जांच की आंच आ गई है.