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प्रधानमंत्री ने किसानों को दी 41,000 करोड़ की सौगात, शुरू की दो नई कृषि योजनाएं

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित मुख्य समारोह से देशभर के किसानों को 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि परियोजनाओं का तोहफा दिया। इस अवसर पर उन्होंने दो नई योजनाओं — प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (30,000 करोड़ रुपये) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (11,000 करोड़ रुपये) — की शुरुआत की।

इस मौके पर उन्होंने कृषि और संरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

मुख्य समारोह से रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी हजारों किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।

इस आयोजन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन व डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी समेत विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, सांसद और विधायक वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि दोनों योजनाएं देश की कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने बताया कि दलहन मिशन से लगभग दो करोड़ किसानों को लाभ होगा और यह मिशन पोषण सुरक्षा की दिशा में भी अहम कदम है।

उन्होंने आकांक्षी जिलों की तर्ज पर 100 पिछड़े कृषि जिलों में विशेष कार्ययोजना के अंतर्गत काम करने की घोषणा की। साथ ही 36 नई योजनाओं के जरिए किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि युवाओं की भागीदारी से कृषि का स्वरूप बदलेगा और किसानों की स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत अपनी दलहन आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा नहीं कर पा रहा है, और इसी को देखते हुए दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की गई है।

रायपुर में मुख्यमंत्री ने तीन जिलों — जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा — को नई योजनाओं में शामिल किए जाने पर आभार जताया और किसानों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कृषि स्टॉलों का निरीक्षण किया, ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों की चाबियाँ वितरित कीं और ट्रैक्टर पर बैठकर किसानों का उत्साहवर्धन किया।

उन्होंने बताया कि जीएसटी सुधार के बाद किसानों को ट्रैक्टर और हार्वेस्टर खरीद में बड़ी बचत हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी, बकाया बोनस भुगतान, 1500 से अधिक सिंचाई योजनाओं के सुधार हेतु 2800 करोड़ की स्वीकृति जैसे कदम गिनाए।

अंत में उन्होंने कहा कि कृषि हितैषी योजनाएं सीमांत किसानों के लिए विशेष लाभकारी हैं और राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

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