छत्तीसगढ़ न्यूज़ | Fourth Eye News

25 वर्षों में बस्तर की सेहत की कहानी – परंपरा से आधुनिकता तक

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद बीते 25 वर्षों में बस्तर संभाग की स्वास्थ्य व्यवस्था ने वाकई लंबी दूरी तय की है। जहां कभी दूर-दराज के गांवों में बुनियादी इलाज भी मुश्किल था, वहीं आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक आधुनिक संसाधनों से लैस हैं। यह बदलाव सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं, बल्कि बस्तर की सामाजिक और आर्थिक प्रगति की कहानी भी कहता है।

बस्तर मेडिकल कॉलेज: स्वास्थ्य क्रांति का प्रतीक

वर्ष 2006 में स्थापित बस्तर मेडिकल कॉलेज ने संभाग की सेहत को नई दिशा दी। शुरुआत 50 सीटों से हुई, आज यह कॉलेज प्रदेश के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में गिना जाता है। 2013 में भवन का लोकार्पण और 2014 में डिमरापाल स्थानांतरण के बाद यहां प्रदेश की एकमात्र वायरोलॉजी लैब संचालित हो रही है। 2018 में अस्पताल के नए भवन में स्थानांतरण से सेवाएं और मजबूत हुईं। यह कॉलेज न सिर्फ डॉक्टर तैयार कर रहा है, बल्कि महामारी जैसी परिस्थितियों में भी बस्तर का भरोसेमंद केंद्र साबित हुआ है।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल – बस्तर के लिए नई उम्मीद

जगदलपुर के डिमरापाल में बना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल अब तैयार है। यहां हृदय, किडनी और न्यूरो जैसी विशेष सेवाएं मिलेंगी। इस अस्पताल से अब स्थानीय लोगों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा—समय, धन और जीवन—तीनों की बचत होगी।

महारानी अस्पताल – 1937 से जारी सेवा, अब आधुनिक रूप में

महारानी अस्पताल ने अपनी विरासत को आधुनिक सुविधाओं के साथ जोड़ा है। अब यहां धन्वंतरी ओपीडी, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, डिजिटल एक्स-रे जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं। कादम्बिनी मातृ-शिशु स्वास्थ्य संस्थान ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए संपूर्ण देखभाल को नया आयाम दिया है।रोजाना 700 से 800 ओपीडी और 200 बिस्तरों की क्षमता के साथ यह अस्पताल आज भी बस्तर का सबसे भरोसेमंद नाम है। 2023 में इसे “सर्वश्रेष्ठ सिविल सर्जन” और “कायाकल्प पुरस्कार” जैसे सम्मान भी मिले।

ग्रामीण स्वास्थ्य नेटवर्क – हर गांव तक इलाज

पिछले 25 वर्षों में बस्तर जिले में सामुदायिक, प्राथमिक और उप-स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। आज 20 से 30 हजार आबादी पर एक स्वास्थ्य केंद्र और 3 से 5 हजार आबादी पर एक उप-स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है। इन केंद्रों ने बस्तर के सुदूर इलाकों में जीवन स्तर को बेहतर किया है।

राज्य की प्राथमिकता: हर नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधा

आयुष्मान भारत, मातृ एवं शिशु देखभाल, एम्बुलेंस सेवा, टेलीमेडिसिन और कोविड-19 के दौरान मजबूत व्यवस्था—ये सभी पहलें साबित करती हैं कि स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। आने वाले वर्षों में लक्ष्य है कि “हर गांव के पास ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा” उपलब्ध हो।

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