डायबिटीज़ चुनौती बढ़ी, युवाओं में चिंताजनक स्तर: विशेषज्ञ जुटे रायपुर में

रायपुर। प्रकृति के अनुसार चलना ही स्वस्थ रहने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है—इसी संदेश के साथ राज्यपाल रमेन डेका ने रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ ओबेसिटीज़, डायबिटीज़ एंड एंडोक्राइन सोसाइटी (कोड) के तीसरे वार्षिक सम्मेलन में लोगों को जीवनशैली सुधारने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, दुनिया भर में डायबिटीज़, मोटापा और हार्मोन संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, और भारत को अब “डायबिटीज कैपिटल” कहा जाने लगा है। छत्तीसगढ़ में युवाओं के बीच बढ़ता ब्लड शुगर लेवल भी चिंता का कारण है।
डेका ने स्पष्ट कहा—इन बीमारियों की जड़ हमारी आधुनिक जीवनशैली है। जंक फूड, प्रदूषण और माइक्रो प्लास्टिक जैसे कारक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहे हैं।
चरक संहिता का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि हमारे ऋषि-मुनि सदियों पहले ही चेतावनी दे चुके थे कि अनुचित आहार और ग़लत दिनचर्या शरीर को असंतुलित कर रोगों को जन्म देते हैं।
कार्यक्रम में चिकित्सकों की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने डॉक्टरों को समाज का मार्गदर्शक बताया और सिकलसेल व टीबी उन्मूलन के लिए सक्रिय योगदान की अपील की।
सम्मेलन में देशभर के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हुए। प्रो. एसएन मिश्रा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी प्रदान किया गया।




