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दिल्ली: भ्रामक विज्ञापनों से खुद उपराष्ट्रपति भी ठगे गए !

नई दिल्ली ,  भ्रामक विज्ञापन के चक्कर में मोटापा घटाने की दवा मंगाने के नाम पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। बतौर राज्यसभा सभापति शुक्रवार को उन्होंने अपना यह अनुभव सदन में साझा किया।
नायडू ने बताया कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैंने वजन घटाने के बारे में सोचा। मैंने एक कंपनी का विज्ञापन देखा, जिसमें दवा के जरिए बहुत कम समय में वजन घटाने का दावा किया गया था। मैंने दवा मंगवानी चाही तो कंपनी ने 1000 रुपये मांगे। मैंने पैसे दे दिए। इसके बावजूद कंपनी ने दवा नहीं भेजी। इसके बजाय ईमेल भेजकर 1000 रुपये और भेजने को कहा गया। इससे मुझे धोखाधड़ी का शक हुआ। मैंने उपभोक्ता मंत्रालय में शिकायत की। जांच से पता चला कि वह दवा कंपनी अमेरिका की थी।
नायडू ने यह अनुभव तब बताया, जब एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने मिलावट और नकली सामान बेचे जाने का मामला उठाया था।

संसद में जल्द आएगा विधेयक: पासवान

मिलावटी सामान और भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में कहा कि 1986 का कानून ऐसे मामलों में कारगर नहीं हो पा रहा है। इससे निपटने को नया कानून संसद में पेंडिंग है। स्थायी समिति के सुझावों को बिल में शामिल कर लिया गया है। उसे कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसे संसद में पेश किया जाएगा।

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