मलबे में बदला ट्विन टावर, सफाई के लिए सड़कों पर उतरे 600 कर्मी
ट्विन टावर में हुए धमाके के बाद रविवार को नोएडा प्राधिकरण का पूरा अमला एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी और इसके आस-पास साफ-सफाई के लिए सड़कों पर उतर गया। जिनका काम देर रात तक भी जारी था।
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि टावर ध्वस्तीकरण होते ही सोसाइटियों व सड़कों की सफाई के लिए 100 वाटर टैंकर, 22 एंटी स्मॉग गन, 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, और 20 टैक्टर-ट्राली समेत प्राधिकरण के छह सौ से अधिक कर्मचारी तुरंत सफाई व्यवस्था में जुट गए। उनके द्वारा पूरे इलाके में सफाई के लिए विशेष अभियान चलाते हुए सड़कों और सोसाइटियों को साफ कर उनकी धुलाई की गई।
प्राधिकरण का यह सफाई अभियान सोमवार को भी जारी रहेगा। पानी की बौछारें डाली गईं टावर को दोपहर ढाई बजे ध्वस्त किया गया था। इसके बाद मौके पर काफी धूल का गुबार उठा। तभी से लगातार धूल को दबाने के लिए पानी की बौछारें की जा रही थी, और साफ-सफाई का काम भी शुरू हो गया था। इसके बाद भी शाम सात बजे टावर के आस-पास काफी धूल उड़ती हुई दिखाई दे रही थी।
रात तक मौके पर पानी की बौछारें और सफाई का काम चलता रहा। ध्वस्तीकरण के बाद शाम पांच बजे टावर का मलबा देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। देर शाम तक पूरे इलाके में धुंध छाई रही
ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद लगभग दो घंटे बाद मौके पर धूल कम हुई तो आस-पास के लोग मौके पर पहुंचने लगे।
इस दौरान बहुत से लोग ट्विन टावर मलबे के सामने बने पार्क से होते हुए मलबे से कुछ दूरी पर पहुंच गए। जिसके बाद मौके पर पहुंची। पुलिस फोर्स लाठियां फटकार कर बार-बार लोगों को मौके से हटाती रही। इसके अलावा आस-पास की सड़कों पर पानी का छिड़काव और सड़कों की सफाई का काम चलता रहा। शाम साढ़े चार बजे ट्विन टावर से धूल कुछ कम हो गई।
टावर ध्वस्तीकरण के कुछ देर बाद ही मौके पर साफ-सफाई का काम शुरू हो गया था, जो शाम तक जारी रहा। शाम को भी टावर के आस-पास बनी सड़कों पर गाडिय़ों की मदद से सफाई की जा रही थी और पानी के टैंकरोंकी मदद से आस-पास लगे पेड़-पौधों पर भी पानी की बौछार कर सफाई की गई।
इसके अलावा बड़ी संख्या में प्राधिकरण के सफाई कर्मचारी ध्वस्त टावर के आस-पास बनी दूसरी सोसायटी में भी सफाई करने में जुटे रहे। शाम के समय काफी संख्या में लोग ट्विन टावर के मलबे को देखने के लिए मौके पर पहुंच गए।
एनडीआरएफ की दो टीमें थी मौके पर
ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान एनडीआरएफ की दो टीम गाजियाबाद से आयी थी। प्रत्येक टीम में 40-40 सदस्य थे। यह टीमें अभियान के दौरान पूरे समय मौके पर रही। 560 पुलिस कर्मी थे और 150 के करीब ट्रैफिक पुलिस कर्मी, 120 रिजर्व में रखे गये थे। एनडीआरएफ की दो टीम थी, जिसमें 40 सदस्य थे।
टावर से 100 मीटर के दायरे में थे सात लोग
ट्विन टावर को गिराए जाने के दौरान सात लोग इस परिसर के 100 मीटर के दायरे में मौजूद रहे। इनमें चार विदेशी नागरिक और तीन भारतीय थे। इनके ऊपर टावर ध्वस्त करने की जिम्मेदारी थी। इनमें विस्फोट के लिए बटन दबाने वाले चेतन दत्ता, एडिफिस के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता, पुलिस उपायुक्त एस. राजेश शामिल थे।
बस में इंसीडेंट कंट्रोल रूम बनाया गया
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस की निगाहें थीं। इसके लिए इंसीडेंट कंट्रोल रूम बनाया गया। यह सेंटर जेपी फ्लाईओवर पर खड़ी बस में बनाया गया था। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी और डीएम सुहास एल वाई ने बस के अंदर से भी टावर ध्वस्त होते देखा।