दर्शकों की डिमांड पर : महासमुंद विधानसभा का विश्लेषण,इस बार किस चंद्राकर का चलेगा जादू ?
क्या विनोद फिर मरेंगे बाज़ी, या पूनम की होगी ताजपोशी ?

नमस्कार दोस्तों, फोर्थ आई न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है। दोस्तों हमारी विधानसभा सीरीज़ के विश्लेषण के लिए आप सब की डिमांड का हम ख़ास ध्यान रख रहे हैं, हमारी पिछले विधानसभा सीट के विश्लेषण में दर्शकों ने हमसे डिमांड की थी कि हम महासमुंद सीट को लेकर भी एक स्पेशल स्टोरी बनाएं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं हमारे छत्तीसगढ़ की महासमुंद सीट का विश्लेषण।
हमारे छत्तीसगढ़ का महासमुंद जिला अपने सांस्कृतिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. यह क्षेत्र ‘सोमवंशीय सम्राट’ द्वारा शासित ‘दक्षिण कोशल’ की राजधानी थी, यह सीखने का केंद्र भी हैं. यहां बड़ी संख्या में मंदिर हैं, जो अपने प्राकृतिक और सौंदर्य के कारण हमेशा आगंतुकों को आकर्षित करते हैं. इस क्षेत्र की विधानसभा सीट की बात करें तो महासमंद विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ही अंतर्गत आती है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 32 प्रतिशत वोट पड़े थे। कांग्रेस के विनोद चन्द्रकर यहाँ से वर्तमान विधायक हैं। वहीं इस संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के चुन्नीलाल साहू सांसद हैं। महासमुंद विधानसभा एक सामान्य कोटे की सीट है।
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के पूनम चंद्राकर और कांग्रेस के अग्नि चंद्राकर के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। उस चुनाव में बीजेपी के पूनम चंद्राकर को कुल 41 हज़ार 812 वोट मिले थे, वहीं करगेस के अग्नि चंद्रकर 40 हज़ार 201 वोट हासिल कर पाए और इस तरह साल 2003 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई पूनम चंद्राकर यहाँ से विधायक चुने गए।
इसके बाद साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अग्नि चंद्रकर अपनी हार का बदला लेने उतरे वहीं बीजेपी ने अपने तत्कालीन विधायक पूनम चंद्राकर का टिकट काट दिया और उनकी जगह मोतीलाल साहू को अपना प्रत्याशी बनाया। इस बार जनता ने करगेस को आशीर्वाद दिया। कांग्रेस के पूनम चंद्राकर ने 52 हज़ार 667 वोटों के साथ जीत हासिल की और बीजेपी के मोती लाल साहू कुल 47 हज़ार 623 वोटों के साथ दुसरे स्थान पर रहे।
फिर आया साल 2013 का विधानसभा चुनाव इस बार ना बीजेपी, ना कांग्रेस बल्कि एक निर्दलीय प्रत्याशी ने बाज़ी मार ली और यह प्रत्याशी थे डॉ. विमल चोपड़ा जिन्हें कुल 47 हज़ार 416 वोट मिले, वहीं तत्कालीन कांग्रेस विधायक अग्नि चंद्रकर के पाले में मात्र 42 हज़ार 694 वोट ही आ पाए और इस तरह साल 2013 में डॉ विमल चोपड़ा इस सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए हलाकि बाद में उन्होनें बीजेपी का दामन थाम लिया और अब बीजेपी के एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं।
पिछले चुनाव यानी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में महासमुंद सीट से कांग्रेस के विनोद सेवन लाल चंद्रकार ने 23066 वोटों से जीत दर्ज की। कांग्रेस के उम्मीदवार को 49356 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के पूनम चंद्रकार को 26 हज़ार 290 वोट मिले.और इस तरह से वर्तमान में यह सीट कांग्रेस के ही कब्ज़े में है।
दोस्तों इस बार महासमुंद के चुनाव में कांग्रेस दोबारा विनोद चंद्राकर को मौका देने जा रही है ऐसी खबर है मगर बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई दावेदार सामने नहीं आया है। ऐसे में बीजेपी की तरफ से इस बार कौन सा प्रत्याशी महासमुंद सीट से खड़ा हो सकता है ? और क्या आप मानते हैं कि वर्तमान विधायक विनोद चंद्राकर ने इस क्षेत्र में विकास के काम किए हैं उनसे जनता खुश है तो दोबारा उन्हें मौका दे सकती है