दो फिल्म , एक डायरेक्टर ,पर कौन सी फिल्म है बेस्ट ?

छत्तीसगढ़ी फिल्म पहले दो हफ्तों में ताबड़तोड़ कमाई कर रही है, और अनुमान के मुताबिक 14 सिनेमाघरों में रिलीज हुई करीब 60 लाख रुपए की लागत से बनी ये फिल्म दो हफ्तों ढाई करोड़ रुपए तक की कमाई कर सकती है, और छत्तीसगढ़ी इंड्रस्टी को करीब से समझने वाले विश्लेषकों की माने तो इस फिल्म की कमाई 10 करोड़ रुपए से भी ऊपर जा सकती है, खैर ये फिल्म कितना कमाएगी ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो ब्लॉक बस्टर फिल्म मोर छइंया भुइंया और हंस झन पगली, फंस जाबे को खास बनाती हैं,
इन दोनों ही फिल्मों की सबसे बड़ी खास बात ये है कि इन दोनों फिल्मों के डायरेक्टर सतीष जैन हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वो पहले स्किप्ट लिखते हैं फिर उसके बाद वे फिल्म के आर्टिस्ट की तलाश शुरू करते हैं ।
मोर छइंया भुइंया और हंस झन पगली की एक और खासियत ये भी है दोनों ही पारिवारिक फिल्में हैं और उन्हें पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है,
मोर छइंया भुइंया जहां छत्तीसगढ़ सिनेमा की पहली कलर फिल्म थी तो हंस झन पगली के सिनमेट्रोग्राफी भी कमाल की है
छत्तीगढ़ी फिल्मों की ब्लॉकबस्टर रही मोर छइंया भुइंया ने छत्तीसगढ़ी इंड्रस्ट्री को नायक, खलनायक सहित कई कलाकार दिए, जिन्हें ने आगे चलकर अपनी सफलता के झंडे गाड़े, जिनमें फिल्म के नायक अनुज शर्मा, शेखर सोनी, विलन मनमोहन सिंह ठाकुर, अभिनेत्री जागृति राय और पूनम नकवी शामिल हैं, तो हंस झन पगली की बात करें तो इस ने अभिनेता मन कुरैशी और अभिनेत्री अनिकृति चौहान के करियर को नई उड़ान दे दी है, इसके साथ ही मन कुरैशी के पिता के रोल में आशीष सेंदेरे ने भी फिल्म में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है ।
हंस झन पगली, फंस जबे के डायरेक्टर वही हैं, जिन्होने मोर छइंया भुइंया को डायरेक्ट किया, लेकिन हैरानी वाली बात ये है कि उन्होने अपनी पुरानी सुपरस्टार टीम को रिपीट नहीं किया, और नायक के पिता बने आशीष सेंदेरे को छोड़ दिया जाए, तो मोर छइंया भुइंया का कोई भी आर्टिस्ट इस फिल्म में रिपीट नहीं किया, जबकि सतीश जैन कई साल बाद छत्तीसगढ़ इंड्रस्ट्री में वापसी कर रहे थे ।
इसके अलावा भी आपको अगर लगता है कि इन दोनों फिल्मों कोई खास बात रही, तो आप हमें नीचे कमेंट कर बता सकते हैं ।