बीसीसीआई की कुर्सी पर अब किसका ‘चक्का’ लगेगा?”

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अगली कमान को लेकर हलचल तेज़ हो चुकी है। कौन बनेगा अगला कप्तान… इस बार मैदान पर नहीं, बल्कि बोर्डरूम में? यह सवाल इन दिनों भारतीय क्रिकेट गलियारों में सबसे ज़्यादा गूंज रहा है। रोजर बिन्नी के कार्यकाल के समय से पहले समापन के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगला ‘नायक’ कौन होगा?
क्रिकेटर या प्रशासक – किसकी होगी ताजपोशी?
सूत्रों की मानें तो इस बार एक बड़े क्रिकेटर के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा है। दिलचस्प बात यह है कि यह नाम अभी पर्दे में है, लेकिन बोर्ड के कई दिग्गज मानते हैं कि अध्यक्ष की कुर्सी पर एक प्रतिष्ठित और लोकप्रिय क्रिकेटर होना चाहिए।
सौरव गांगुली और फिर रोजर बिन्नी – बीसीसीआई की पिछली दो कमानों को ऐसे दिग्गजों ने संभाला है, जिनका भारतीय क्रिकेट में ऐतिहासिक योगदान रहा है। यही वजह है कि अब फिर से एक ऐसा ही चेहरा बोर्ड की बागडोर थाम सकता है।
हालांकि, अगर वह संभावित क्रिकेटर इस पद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होते, तो एक अनुभवी और लोकप्रिय प्रशासक को आगे लाया जा सकता है। इस रेस में राजनीति की पिच पर भी कुछ खिलाड़ी मैदान में हैं।
क्यों समय से पहले खाली हुई कुर्सी?
रोजर बिन्नी को 2022 में बीसीसीआई अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार, बोर्ड पदाधिकारियों की अधिकतम आयुसीमा 70 वर्ष है। 19 जुलाई को 70 पार कर चुके बिन्नी को नियमों के तहत अपना कार्यकाल अधूरा छोड़ना पड़ा।
अब जबकि सितंबर के आखिर में वार्षिक आम बैठक (AGM) प्रस्तावित है, बीसीसीआई में कई शीर्ष पदों पर फेरबदल लगभग तय माने जा रहे हैं। इसमें बोर्ड अध्यक्ष के साथ-साथ आईपीएल चेयरमैन का पद भी शामिल है।
आईपीएल चेयरमैन – कौन लेगा धूमल की जगह?
आईपीएल के मौजूदा अध्यक्ष अरुण धूमल का छह साल का कार्यकाल पूरा हो गया है और उन्हें अब तीन साल के अनिवार्य “कूलिंग ऑफ पीरियड” पर जाना होगा। इस सीट के लिए दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं – मुंबई क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव संजय नाइक, और बीसीसीआई के मौजूदा उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला।
अगर शुक्ला को आईपीएल चेयरमैन बनाया जाता है, तो उनकी खाली हो रही उपाध्यक्ष की कुर्सी के लिए बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और भाजपा नेता राकेश तिवारी के नाम की चर्चा ज़ोर पकड़ रही है।
राजनीति और क्रिकेट का मिलन
राजनीतिक समीकरण भी इस चुनावी खेल को और दिलचस्प बना रहे हैं। राज्यसभा सांसद शुक्ला का उपाध्यक्ष कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन अगर राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम 2026 से पहले लागू नहीं होता, तो उन्हें अनिवार्य ब्रेक लेना पड़ सकता है।
तो क्या अगला अध्यक्ष बनेगा कोई ‘क्रिकेट आइकन’?
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि बोर्ड के कई हितधारक मानते हैं कि ‘अध्यक्ष पद हमेशा किसी प्रतिष्ठित क्रिकेटर के पास होना चाहिए’। सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी जैसे नामों ने इस परंपरा को मजबूत किया है, लेकिन अगला दावेदार कौन होगा – यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
संभावित चेहरों की चर्चा:
क्या महेंद्र सिंह धोनी जैसे शांत कप्तान इस प्रशासनिक पिच पर उतरेंगे?
या फिर कोई सरप्राइज एंट्री करेगी सबको चौंकाने?
कहीं यह रेस अनुभवी प्रशासकों के नाम पर खत्म तो नहीं हो जाएगी?
एक बात तो तय है – सितंबर का महीना भारतीय क्रिकेट के सत्ता गलियारों में एक नई पारी की शुरुआत लेकर आने वाला है। अब देखना है, अगली ‘कप्तानी’ किसके खाते में जाती है।