देशसंपादकीय

बेटा किसान आंदोलन में हिस्सा लेने गया, पिता ने संपत्ति से कर दिया बेदखल, बोले ‘वो देशद्रोह है’

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बड़सर में रहने वाले हैं पूर्व सैनिक अजमेर सिंह

केंद्र सरकार के खिलाफ तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं । आम लोगों का भी इस विरोध प्रदर्शन को सहयोग मिल रहा है । लेकिन यह भी सच है, कि देश में एक वर्ग है जो केंद्र की योजना खासकर प्रधानमंत्री से बेहद प्रभावित है । ऐसे एक शख्स हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के अजमेर सिंह (Ajmer Singh)हैं । अजमेर सिंह(Ajmer Singh) एक रिटायर्ड फौजी हैं जिन्होने अपने बेटे को किसान आंदोलन का समर्थन करने पर संपत्ति से बेदखल कर दिया। साथ ही उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई कि किसान आंदोलन में शामिल उनके बेटे को देशद्रोही घोषित किया जाए और मार-मार कर हड्डियां तोड़ दी जाएं।

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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बड़सर में रहने वाले पूर्व सैनिक अजमेर सिंह (Ajmer Singh) ने कहा है कि उनका बेटा घर मे बैठकर मुफ्त का खाना खाता है । उन्होंने कहा कि वह मुफ्त का खाना खाकर घर पर पड़ा रहता है । मेरे बेटे परमजीत सिंह को यह तक पता नहीं होगा कि कब कौन सी फसल लगायी जाती है । अजमेर सिंह ने कहा कि अब वो दिल्ली पहुंचकर किसान आंदोलन में मुफ्त की रोटी तोड़ रहा है।

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आपको बता दें कि परमजीत सिंह अजमेर सिंह का इकलौता बेटा है, जिसकी शादी हो चुकी है। बहू और पोती घर पर है । बताया जा रहा है कि परमजीत सिंह ने एक मीडिया चैनल को इंटरव्यू दिया जिसके बाद अजमेर सिंह (Ajmer Singh) को पता चला कि वो किसान आंदोलन में हिस्सा लेने गया है। इंटरव्यू में परमजीत सिंह ने किसानों के आदोलन का समर्थन किया था और चैनल पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। जिससे देखकर अजमेर सिंह (Ajmer Singh) बेहद नाराज हो गए, और  उन्होंने अपने बेटे परमजीत को चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया।

पत्रकारों से बात करते हुए अजमेर सिंह ने किसानों के आंदोलन को भी गलत ठहराया है । उन्होंने कहा कि वहां पर लोग मुफ्त में खाना खा रहे हैं तथा अन्य सुविधाएं भी फ्री में ले रहे हैं । गौरतबल है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। पिछले लगभग 120 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।

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