महिला समूहों को मिला “रेडी-टू-ईट” निर्माण का जिम्मा, रायगढ़ से हुई पहल की शुरुआत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को साकार करते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को “रेडी-टू-ईट” पूरक पोषण आहार निर्माण का कार्य सौंपा है। इस पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से की गई है, जहां हाल ही में 10 महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए और मशीनों की स्थापना का कार्य तेज़ी से पूरा किया गया। अब कोतरलिया ग्राम पंचायत में “रेडी-टू-ईट” उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार उपलब्ध कराएगी। देशभर में 3 करोड़ “लखपति दीदी” तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है। रायगढ़ इस मुहिम में अग्रणी बन चुका है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कोतरलिया में निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। उन्होंने मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का जायजा लिया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि रायगढ़ से शुरू हुई यह पहल जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी और यह मॉडल राज्यभर के लिए एक प्रेरणा बनेगा।
रायगढ़ जिले के 2709 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें पीएमएफएमई योजना के तहत पूंजीगत सब्सिडी भी दी जा रही है। रायगढ़ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ और कापू परियोजनाओं के तहत जल्द ही उत्पादन शुरू होगा।
प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति की इस मुहिम को पहले चरण में छह जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर—में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है। इनमें रायगढ़ पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने “रेडी-टू-ईट” उत्पादन की शुरुआत कर दी है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।