धमतरी बना ग्रीन पटाखों का नया केंद्र, महिला शक्ति दिखा रही आत्मनिर्भरता की राह

प्रदेश का धमतरी जिला अब स्वच्छ आतिशबाज़ी का नया केंद्र बनकर पूरे देश को प्रेरणा देने जा रहा है। यह पहल न केवल रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षित त्योहारों की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है।
चटोद में महिलाएँ बना रही ग्रीन पटाखे
धमतरी जिले के ग्राम चटोद में महिलाएँ पारंपरिक पटाखों की जगह अब पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखों के निर्माण में जुटी हैं। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के लिए रोज़गार और आत्मनिर्भरता का नया द्वार खोल रही है, साथ ही समाज को स्वच्छ और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध करा रही है।
कलेक्टर ने किया निरीक्षण
कलेक्टर धमतरी ने हाल ही में श्री गणेशा फायरवर्क्स यूनिट का निरीक्षण किया। उन्होंने महिलाओं से उत्पादन प्रक्रिया और गुणवत्ता की जानकारी ली तथा मौके पर ग्रीन पटाखा चलाकर उसकी सुरक्षा और प्रभाव का अनुभव भी किया। इस यूनिट को 5 एकड़ भूमि लीज पर उपलब्ध कराई गई है।
कलेक्टर ने प्रबंधन को निर्देश दिए कि परिसर में अग्नि शमन की ठोस व्यवस्था, समय-समय पर मॉक ड्रिल और ज्वलनशील पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह यूनिट ‘लोकल से वोकल’ और महिला सशक्तिकरण की सशक्त मिसाल है।
100 से अधिक महिलाओं को रोजगार
यूनिट के सेल्स हेड आशीष सिंह ने बताया कि ग्रीन पटाखों में बारूद का प्रयोग नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और प्रदूषण भी नहीं फैलाते। वर्तमान में यहाँ लगभग 100 से अधिक महिलाएँ कार्यरत हैं, जिन्हें स्थायी रोजगार मिला है। आने वाले समय में विवाह समारोहों और अन्य आयोजनों के लिए भी ग्रीन पटाखों की विभिन्न किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी।
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