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नईदिल्ली ; रिलायंस जियो को भी मिली आर्थिक सर्वेक्षण में जगह

नई दिल्ली  :  भारत का टेलिकॉम सेक्टर इन दिनों कड़े दौर से गुजर रहा है। रिलायंस जियो की धमाकेदार एंट्री के बाद से कंपनियों का घाटा और कर्ज बढ़ रहा है। सोमवार को पेश किए गए इकॉनमिक सर्वे में यह बात कही गई है। इकॉनमिक सर्वे ने कहा है कि रेवेन्यू घटा है और स्पेक्ट्रम की कीमत अतार्किक हो गई है। सर्वे में यह भी कहा गया है कि इस कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते टेलिकॉम सेक्टर में निवेशकों, कर्जदाताओं, साझेदारों और वेंडर्स का भरोसा भी प्रभावित हुआ है।
सर्वे में कहा गया, बीते सर्वे में भी हमने कहा था कि टेलिकॉम सेक्टर में यह दौर बढ़ते घाटे, कर्ज में इजाफ, कीमतों की जंग, रेवेन्यू में कमी और अतार्किक स्पेक्ट्रम कॉस्ट का है। सर्वे में कहा गया, सेक्टर में नई एंट्री करने वाली कंपनी ने लो-डेटा कॉस्ट के चलते बाजार को हिला दिया है और प्रतिस्पर्धी कंपनियों के रेवेन्यू में बड़ी गिरावट आई है। इसके अलावा निवेशकों का भरोसा भी प्रभावित हुआ है।
सितंबर, 2016 में आने वाली कंपनी रिलायंस जियो ने मुफ्त डेटा और वॉइस कॉल्स के जरिए प्रतिस्पर्धी कंपनियों को डेटा रेट्स में बड़ी कटौती करने पर मजबूर किया है। दिसंबर 2017 तक जियो के 16 करोड़ सबस्क्राइबर्स हो गए हैं। जियो के सस्ते प्लान्स के चलते देश की दिग्गज टेलिकॉम कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर आदि को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा रहा है।
 

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