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इंदौर: मासूम बच्चों का अंतिम संस्कार, परिजनों के हौसले को सलाम

इंदौर में शुक्रवार को दर्दनाक बस हादसे ने शहरवासियों को झकझोर दिया है। हादसे में मारे गए बच्चों का आज अंतिम संस्कार किया गया। तीन बच्चों का रीजनल पार्क स्थित पीपल्यापाला मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस हादसे की शिकार हुए मासूमों के घर के बाहर काफी तादाद में लोगों की भीड़ जमा थी। आपको बता दे कि कनाड़िया रोड पर बाइपास पर दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस और ट्रक में भीषण टक्कर हो गई थी, जिसमें चार बच्चों और बस ड्राइवर की तत्काल मौत हो गई थी।

श्रुति लुधियानीः कक्षा तीसरी की मासूम श्रुति के पूरे परिवार में इकलौती बेटी थी, माता-पिता को शादी के 20 साल बाद काफी मिन्नतों से हुई थी।

स्वास्तिकः स्वास्तिक का 17 दिसंबर को जन्मदिन था, मां ने फेसबुक पर उसके साथ  फोटो भी पोस्ट किया था, पोस्ट में लिखा था गॉड ब्लेस यू बेटा, अच्छा इंसान बनना।

कृतिः बेटी को खो चुके पिता ने मौत के बाद बेटी की आंखें दान करने का निर्णय लिया, उन्होंने पोस्टमार्टम से पहले डाॅक्टरों से कहा कि बेटी की आंखें किसी को दान कर दो ताकि वो आंखों के जरिए हमेशा जिंदा रहे।

हरमीत उर्फ खुशीः हरमीत की मौत की खबर ने परिवार को झकझोर दिया, मां बेटी से मिलने के लिए बेचैन हो रही है।

सीएम शिवराज परिजनों से करेंगे मुलाकात

इंदौर में स्कूल बस हादसे के प्रदेशभर में शोक है, सीएम शिवराज आज मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने इंदौर जाएंगे। सीएम घायलों से मिलने अस्पताल भी जा सकते है। वहीं मध्यप्रदेश में आज सभी सीबीएसई स्कूल बंद रखे गए है। एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड ने सीबीएसई हादसे में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही स्कूलों में शोक सभा रखी गई।

गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश

इंदौर में डीपीएस स्कूल बस और ट्रक में भीषण भिड़ंत में 4 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है जबकि बस के ड्राइवर की भी जान चली गई,कई बच्चों कों गंभीर हालत में बॉम्बे हास्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां नाराज परिजनों ने हंगामा किया। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं वहीं बंसल न्यूज पर स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने स्कूलों की लापरवाही को दंडात्मक कार्रवाई के अधीन लाने की बात कही है। शुरुआती जांच में बस का स्टेरिंग फेल होने की बात सामने आई है लेकिन बस हादसे में बंसल न्यूज ने बड़ा खुलासा किया है। हादसे की शिकार बस 15 साल पुरानी थी जिससे ये सवाल उठता है कि आखिर इस बस पर आरटीओ की नजर क्यों नहीं पड़ी?

ड्रायवर और परिवहन विभाग की लापरवाही उजागर

4 बच्चों की अचानक दर्दनाक मौत ने प्रदेशभर में एक डर पैदा कर दिया है। एक दिन पहले भोपाल में दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई थी, लेकिन इन मौतों के लिए ड्राइवरों की लापरवाही के साथ साथ परिवहन विभाग भी उतना ही जिम्मेदार था। बंसल न्यूज आपको बताने जा रहा है कि आखिरकार क्यों परिवहन विभाग मासूमों की मौत की वजह बना है।

शुरूआती जांच में खुलासा हुआ कि बस का स्टेयरिंग फेल हो गया, ड़्राइवर का बस पर काबू नहीं रहा और हादसा हुआ। आनन फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिवहन मंत्री ने जांच के आदेश दे दिए। मगर बंसल न्यूज ने स्कूल बस के दस्तावेजों की जांच की तो खुलासा हुआ कि बस 15 साल पुरानी है। जिसका फिटनेस सर्टिफिकेट पिछले महीने 25 दिसंबर को जारी किया था। यहां सवाल ये है कि परिवहन विभाग ने 15 साल पुरानी बस को फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे दे दिया और उसे फिट कैसे पाया जबकि 2016 में पन्ना बस हादसे के बाद सरकार ने 15 साल पुरानी बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट देने से बैन कर दिया था। अब दूसरा मामला बताते है, एक दिन पहले राजधानी भोपाल में स्कूल बस का इंतजार कर रही दो मासूमों को कार ने कुचल दिया था। जब पड़ताल हुई तो पता चला कि जिस शख्स ने कुचला वो एक महीने पहले ही कार चलाना सीखा था, जबकि आरटीओ ने उसे 2010 में ही लाइसेंस जारी कर दिया था।

इन मासूमों की मौत के लिए कहीं ना कहीं परिवहन विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदार है जहां दलालों की मर्जी चलती है। दलाल चाहे तो किसी का भी लाइसेंस बनवा दे,  दलाल चाहे तो पुरानी से पुरानी बस को फिटनेस सर्टिफिकेट दे दे। क्या परिवहन विभाग अपनी इन खामियों को दूर करने की ठोस पहल करेगा या केवल हादसों के बाद केवल कार्रवाई का दिखावा ही करता रहेगा।

परिजनों के साहस को सलाम

इस दर्दनाक सड़क हादसे में एक दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है। हादसे की शिकार हुई कृतिका नाम की स्टूडेंट के परिजनों ने एक साहस भरा फैसला लिया है. कृतिका के परिजनों ने बेटी की आंखें और स्किन डोनेट करने का फैसला लिया है। वहीं 6 साल की श्रुति लुधियानी की आंखे भी डोनेट की गई हैं। बेहद पीड़ादायक मौके पर परिजनों के इस फैसले के बारे में जो सुन रहा, वो दुआएं दे रहा। उनके इस फैसले के कोई जिंदगी रौशन होगी।

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