रायपुर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) मेडिकल कॉलेज बिलासपुर में 450 पदों पर हुई भर्ती की एसआईटी से जांच कराने का आदेश दिया है। यह भर्ती 2012-13 में हुई थी। गड़बड़ी की शिकायत के बाद कई स्तर पर जांच हो रही है, लेकिन भर्ती संबंधी फाइल गुम जाने से मामला पेचीदा हो गया है। मामला हाईकोर्ट और लोक आयोग में भी विचाराधीन है। जानकारी के मुताबिक सिम्स में पांच साल पहले वार्ड ब्वाय, आया, चपरासी, क्लर्क, माली, ड्राइवर जैसे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। यह भर्ती तत्कालीन डीन दिवंगत डॉ. एसके मोहंती ने की थी। उस समय भी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगे थे, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( एनएचएम) के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एससी अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू को पूरे मामले की एसआईटी जांच कराने और जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा है।
इस गड़बड़ी में डीन के साथ तत्कालीन अस्पताल अधीक्षक, प्रशासनिक अधिकारी और बड़े अधिकारी के संलिप्तता की आशंका है। इस तरह से हुई गड़बड़ी: जानकारी के मुताबिक जो अभ्यर्थी शुरू में अपात्र माने गए थे, उन्हें बाद में पात्र मानकर नियमित नियुक्ति दे दी गई। कॉलेज और अस्पताल में कई रिश्तेदार एक साथ नौकरी कर रहे हैं। कुछ ऐसे लोगों की भर्ती की गई है, जिन्होंने निर्धारित तिथि में फार्म जमा ही नहीं किया था। बाद में गुपचुप तरीके से फार्म जमा करवाकर उन्हें परीक्षा में बिठाया गया और पास भी कर दिया गया। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर उच्चाधिकारियों को की गई थी। लेकिन चार साल बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।