जगदलपुर : संभाग के दक्षिण-पश्चिम बस्तर के सुकमा व दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीणों का पुलिस की सेवा भावी गतिविधियां व समझाईश से नक्सलवाद से मोह भंग हो रहा है। इसी का परिणाम है कि कल दंतेवाड़ा व सुकमा जिले के कटेकल्याण तथा मारजूम व चिकपाल के सैकड़ों ग्रामीणों के साथ 28 नक्सलियों ने आत्मसर्मपण किया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में तोंगपाल थाने के थाना प्रभारी व कुकानार थाने के थानेदार की जब से पोस्टिंग हुई है तब से उन्होंने ग्रामीणों को विकास की मुख्य धारा से जुडऩे व हिंसा के रास्ते को छोड़ विकास के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम यह हुआ है कि गत सोमवार को ग्रामीणों के मध्य रहने वाले 28 नक्सल समर्थकों ने करीब सैकड़ों ग्रामीणों के साथ तोंगपाल थाना में पहुंचकर आत्मसर्मपण किया। इस हुजुम में शामिल सैकड़ों ग्रामीणों ने और नक्सलियों ने विकास की मुख्यधारा में लौटने के लिए अपनी शपथ ली और कहा कि उनका अब नक्सलियों से मोह भंग हो रहा है। इसी के परिपेक्ष्य में उन्होंने हिंसा का मार्ग का छोड़ विकास व शांंति का मार्ग अपनाया है। उल्लेखनीय है पिछले कुछ माहों से एसडीओपी नक्सल ऑपरेशन तोंगपाल के एसएस विध्यंराज ने बताया कि और ग्रामीणों को समझाईश दी की पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए है। शासन से द्वारा चलाये जा रहे विकास कार्यो तक आपकी पहुंच होना आवश्यक है, लेकिन नक्सलियों द्वारा हमेशा विकास का विरोध किया जाता है। इसका मुकाबला केवल आपको अपनी दृढ़शक्ति से ही करना है। गांव में पुलिस के आने पर डरने की जरूरत नहीं बल्कि पुलिस ऐसे लोगों को पकडऩे आती है, जो नक्सल गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस संबंध में यह स्मरणीय है कि तोंगपाल से लगभग 7-8 किमी ऊपर पहाडिय़ों के मध्य बसे हुये मारजूम और चिकपाल तीन ओर से पहाडिय़ों से घिरा है और यहां पर आम आदमी का जाना बड़ा मुश्किल होता है। इस संबंध में मारजूम की सरपंच ने बताया कि भूले भटके पहले यहां अधिकारी पहुंचते थे। लेकिन जब से सडक़ काटी गई है तब से यहां पर कोई नहीं पहुंच पाता। यहां पर कोई भी आवश्यक सुविधायें स्वास्थ्य संबंधी नहीं हैं।
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