
बिलासपुर : आम तौर पर मकर संक्रांति 14 जनवरी को पड़ती है सन 2018 की तरह इस बार भी त्यौहार 15 जनवरी है ज्योतिष गणाओं के आधर पर सूर्य ता. 14 को प्रात: से धनु राशि में रहेगा ता. 14 को 2 बजकर 12 मिनट रात से मकर राशि में आयेगा इसलिये मकर संक्रांति पर्व 15 तारीख को मनाया जायेगा। मकर संक्रांति का पुण्य फल 15 जनवरी मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा। पुण्य काल समय तीर्थ, स्नान, दान, जप, हवन, पूजन एवं कांस्य पात्र में तिलों का त्रिकोण बनाकर कंबल वस्त्र आदि गो स्वर्ण सहित दान करने का महत्व है। शनि को सूर्य पुत्र माना जाता है वही मकर राशि के स्वामी शनि माने गये हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य गोचर शनि मकर राशि में होगा।
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यही वजह है कि इस दिन सूर्य व शनि दोनों की पूजा का विशेष महत्व है। इस संबंध में ज्योतिष वास्तुविद डा. उधवश्याम केसरी के अनुसार पर्व पर तिल दान, तिल के उपटन से स्नान, तिल से बने पकवान का भोग व भोजन में इसका उपयोग महत्वपूर्ण माना गया है। गुजरात में पतंग उड़ाने का खेल का शुभारंभ इसी दिन से होता है। मकर संक्रांति को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि देव से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं। शनिदेव चूंकि मकर राशि के स्वामी हैं। अत: इस दिन को मकर संक्रांति के रुप में जाना जाता है।
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मकर संक्रांति के दिन गंगा जी भागीरथी के पीछे पीछे चलकर कपिलमूनि के आश्रम से होकर सागर में मिलती है यह भी कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने भागीरथी ने अपने पूर्वजों के लिये तर्पण किया था।
विवाह का दौर का शुभारंभ
मकर संक्रांति के बाद विवाह का दौर शुरु हो जाता है अंक शास्त्र के अनुसार पंचम राशि सिंह है इस कारण से भी मकर संक्रांति सभी लोगों के लिये शुभ एवं फलदायक के साथ उन्नति कारक रहेगा।