नईदिल्ली : ईडी ने जब्त की नीरव मोदी की 5100 करोड़ की संपत्ति
नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को नीरव मोदी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी ने 5,100 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे, आभूषण और सोना जब्त किया है। पंजाब नैशनल बैंक में 11,300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आने के बाद ईडी ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी के दफ्तरों, शोरूम और वर्कशॉप पर छापेमारी की। इसके अलावा यहां से मिले कई रिकॉर्ड्स भी आगे की जांच के लिए जब्त किए गए हैं। इसके अलावा 3.9 करोड़ रुपये के बैंक खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट भी फ्रीज किए गए हैं।
ईडी ने नीरव मोदी के मुंबई, सूरत और नई दिल्ली स्थित दफ्तरों, शोरूम और वर्कशॉप पर छापे मारे। ईडी के अधिकारियों ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स में भारत डायमंड बॉर्स में फायरस्टार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्यायल, कुर्ला पश्चिम स्थित कोहिनूर सिटी में मोदी के निजी दफ्तर, उनके शोरूम, दक्षिण मुंबई में फोर्ट स्थित इट्स हाउस के बुटीक और लोअर परेल में पेनिंसुला बिजनस पार्क स्थित वर्कशॉप में छापेमारी की।
वहीं सूरत में ईडी के अधिकारियों ने सचिन टाउन स्थित सूरत एसईजेड में 6 हीरे की शिल्पशालाओं की तलाशी ली। इसके अलावा यहां हीरे के जेवरात के बड़े केंद्र रिंग रोड स्थित वेल्जियम टावर में एक दफ्तर पर भी ईडी का छापा पड़ा। नई दिल्ली के चाणक्यपुरी और डिफेंस कॉलोनी में मोदी की दो हीरों की दुकानों पर भी ईडी अधिकारियों ने छापे मारे।
पीएनबी में 11,515 करोड़ रुपये के घपले में नीरव मोदी की कंपनियों और बैंक की मुंबई स्थित एक प्रमुख शाखा (ब्रैडी हाउस शाखा) के कुछ अन्य खातों की संलिप्तता उजागर होने के एक दिन बाद बड़े स्तर कार्रवाई शुरू की गई है। पीएनबी के कम से कम दस बैंक कर्मियों को निलंबित किया गया है। लेकिन, पीएनबी की कर्ज अनुमति कमेटी या निदेशक मंडल से कोई इनमें शामिल है या नहीं, यह अभी साफ नहीं हुआ है। पीएनबी घपले में धनशोधन के मामले भी शामिल हैं।
सीबीआई ने पिछले सप्ताह मोदी और उनकी पत्नी एमी और भाई निशाल व मामा मेहुल चजक़सी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इससे पहले पीएनबी ने 29 जनवरी को 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को लेकर इन चारों के खिलाफ शिकायत की थी। यह धोखाधड़ी का मामला 2011 का है। बताया जाता है कि मोदी ने पीएनबी और अन्य बैंकों को लिखा था कि वह बकाये की वापसी कर देंगे। गौरतलब है कि मोदी का कारोबार भारत के अलावा यूरोप, अमेरिका, मध्यपूर्व व सुदूर पूर्व में भी है। इस घोटाले की रकम विजय माल्या के 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने से मुकरने से बड़ी है। बैंकों को चूना लगाने के ये मामले तब उजागर हो रहे हैं जब बैंकों के डूबे हुए कर्ज को लेकर भारतीय बैंकिंग प्रणाली सवालों के दौर से गुजर रही है।