ग्रामीण विकास की नई इबारत: महासमुंद में बन रहे बहुउद्देशीय मॉडल केंद्र

रायपुर। जिले में स्वास्थ्य, पोषण और आजीविका को एक ही छत के नीचे लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत महासमुंद जिले में दो अत्याधुनिक बहुउद्देशीय मॉडल केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है, जो ग्रामीण जीवन को एक नई दिशा देंगे।
इन केंद्रों का उद्देश्य शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए पोषण आहार, 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं, महिलाओं के लिए आजीविका संबंधी प्रशिक्षण और स्वच्छ पेयजल जैसी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध कराना है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने विकासखण्ड महासमुंद के ग्राम धनसुली में निर्माणाधीन केंद्र का निरीक्षण किया और कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
निर्माण को समय पर पूरा करने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले के दोनों मॉडल केंद्रों का निर्माण 30 जून 2025 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए ताकि 10 जुलाई से केंद्रों का संचालन शुरू किया जा सके। निर्माण एजेंसियों को हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया है, ताकि हर चरण पर निगरानी बनी रहे।
ग्रामीणों से संवाद, महिलाओं से जुड़ी आजीविका की चर्चा
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने गांव की महिलाओं से सीधा संवाद भी किया और उनकी आजीविका गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि इन मॉडल केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
बागबाहरा के जोरातराई में बन रहा दूसरा केंद्र
धनसुली के साथ-साथ बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम जोरातराई में भी एक मॉडल केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। दोनों केंद्रों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं, एनएमएम और मितानिनों की 24 घंटे उपस्थिति, सोलर पंप आधारित ’सूर्य जल योजना’ से विद्युत आपूर्ति, एम्बुलेंस सुविधा, मॉडल आंगनबाड़ी, स्वच्छ पेयजल और कौशल विकास केंद्र जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कलेक्टर की सख्ती—कोई कोताही नहीं चलेगी
श्री लंगेह ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये मॉडल केंद्र शासन की प्राथमिकताओं—स्वास्थ्य, पोषण और कौशल विकास—को धरातल पर उतारने का सशक्त माध्यम बनेंगे।