नईदिल्ली : एफआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सीबीआई को फटकार
नई दिल्ली : मणिपुर में कथित फर्जी एनकाउंटर मामले को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को कथित फर्जी एनकाउंटर पर 42 एफआईआर नहीं दर्ज करने के लिए लताड़ा है। सर्वोच्च अदालत ने जांच एजेंसी से पूछा कि आखिर अभी तक इन मामलों में सीबीआई ने तय संख्या में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की एसआईटी मामले की जांच गंभीरता से नहीं कर रही है। जांच एजेंसी ने इस मामले में अभी तक 12 एफआईआर ही दर्ज की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को घेरा
सर्वोच्च न्यायालय ने जांच एजेंसी सीबीआई को मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले में इस साल 31 जनवरी तक या इससे पहले 30 नए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने जांच टीम को इस साल 28 फरवरी तक इसे पूरा करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही जांच टीम ने जो 12 एफआईआर दर्ज किए हैं उससे संबंधित फाइनल रिपोर्ट अदालत में देने की बात भी कोर्ट ने कही है। सर्वोच्च कोर्ट ने कहा कि जांच टीम ने आखिर अभी तक तय एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की?
एफआईआर को लेकर सीबीआई को लगाई फटकार
आपको बता दें मणिपुर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से पिछले कुछ वर्षों में किए गए कथित फर्जी एनकाउंटरों की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर जांच के आदेश दिए हैं। फर्जी एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मणिपुर पुलिस के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हीरोजीत सिंह ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
हीरोजीत के खुलासे के बाद जांच में तेजी
हीरोजीत ने बताया कि साल 2003 से 2009 के बीच कई फर्जी एनकाउंटर मणिपुर में किए गए। इन फर्जी एनकाउंटर में वो खुद भी शामिल रहे। हीरोजीत सिंह ने अपने बयान में ये भी कबूल किया कि उन्होंने सभी फर्जी एनकाउंटर उनके वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर किए।
फर्जी एनकाउंटर की जांच कर रही सीबीआई
मणिपुर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल हीरोजीत सिंह ने फर्जी एनकाउंटर को लेकर संबंधित हलफनामा भी कोर्ट में सौंप दिया है। हालांकि, वो वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर फर्जी एनकाउंटर करने के दावों को लेकर कोई साक्ष्य कोर्ट में जमा कराने में नाकाम रहे।
कथित फर्जी एनकाउंटरों की शिकायतों के बाद सुको सख्त
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत की हत्या के 6 साल बाद हीरोजीत सिंह ने पहली बार ये स्वीकार किया कि उन्होंने संजीत पर गोली चलाई थी। बता दें कि 2009 में मणिपुर पुलिस के कमांडोज पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफ मणिपुर के उग्रवादी संजीत मैती की हत्या के आरोप लगे थे। इसको लेकर मणिपुर में कई दिनों तक प्रदर्शन भी हुए थे।