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नईदिल्ली : चौतरफा घिरे बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल ने जताया खेद

नई दिल्ली  : बीजेपी में शामिल होने के बाद ऐक्ट्रेस जया बच्चन पर विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व नेता नरेश अग्रवाल ने चौतरफा निंदा के बाद अपने बयान के लिए खेद जताया है। बता दें कि सोमवार को बीजेपी में शामिल होने के बाद अपनी पहली ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में अग्रवाल ने उनकी जगह जया को तरजीह देने पर एसपी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उनकी तुलना फिल्म अभिनेत्री से की है जो फिल्मों में नाचती थीं। हालांकि उनके बयान से वहां बैठे बीजेपी नेता असहज हो गए पार्टी ने फौरन इस बयान से खुद को अलग कर लिया था।
अग्रवाल ने बयान पर जताया खेद
अग्रवाल ने मंगलवार को जया पर दिए बयान पर सफाई देते हुए कहा, मेरे बयान से किसी को कोई कष्ट हुआ है तो मुझे उसका खेद है। मुझे एसपी ने टिकट देना उचित नहीं समझा और जया को टिकट दिया। मैं किसी विवाद में नहीं पडऩा चाहता हूं और खेद जताता हूं। उन्होंने कहा, मेरे बयान को मीडिया ने अलग तरीके से दिखाया। मेरा किसी को दुख पहुंचाने का इरादा नहीं था। मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। हालांकि पत्रकारों द्वारा बार-बार माफी मांगने के सवाल पर भी अग्रवाल ने अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगी। उन्होंने उल्टे पूछा, खेद शब्द का मतलब समझते हैं आप?
खेला हिंदू कार्ड
राम मंदिर के सवाल पर अग्रवाल ने कहा, मैं भी हिंदू हूं और पूजा करता हूं। राम मंदिर का किसी भी हिंदू ने विरोध नहीं किया है। मुस्लिमों को भी राम मंदिर से कोई आपत्ति नहीं है। राम पर उनके पूर्व दिए गए बयानों पर पूछने पर अग्रवाल ने कहा कि वह पुरानी बातों में नहीं जाना चाहते हैं।
अग्रवाल की हो रही चौतरफा निंदा
अग्रवाल के बयान पर उनकी बीजेपी समेत चौतरफा निंदा हो रही है। बीजेपी नेता सुषमा स्वराज और स्मृति इरानी ने अग्रवाल के बयान की निंदा की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्टीट किया कि नरेश अग्रवाल बीजेपी में शामिल हुए हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जया बच्चन जी के विषय में उनकी टिप्पणी अनुचित और अस्वीकार्य है। बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि 2001 में घोर भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह ने नरेश अग्रवाल को बर्खास्त किया था। अब वह बीएसपी, एसपी से होते हुए फिर बीजेपी में हैं। यह व्यक्ति राजनीतिक रूप से खत्म हो जाता और एक सुचितापूर्ण राजनीति होती, लेकिन पार्टी ने सहारा देकर एक राक्षस को फिर से जीवित कर दिया।
अखिलेश ने भी बोला अग्रवाल पर हमला
एसपी चीफ अखिलेश यादव ने भी अग्रवाल की आलोचना की है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि जया बच्चन पर की गई अभद्र टिप्पणी के लिए वह बीजेपी के नरेश अग्रवाल द्वारा दिए गए बयान की कड़ी निंदा करते हैं। नरेश अग्रवाल ने जो बयान दिया, वह फिल्म जगत के साथ ही भारत की हर महिला का भी अपमान है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने लिखा कि अगर सच में बीजेपी नारी का सम्मान करती है तो तत्काल नरेश अग्रवाल के खिलाफ कदम उठाये। उन्होंने मांग की है कि नरेश अग्रवाल के बयान के खिलाफ महिला आयोग को भी कार्रवाई करनी चाहिए।
बीजेपी में बढ़ सकता है विवाद1520921698areshअग्रवाल के एसपी से बीजेपी का दामन थामने के बाद पार्टी में क्लेश बढऩा तय माना जा रहा है। वजह यह है कि बीजेपी में नरेश के जितने चाहने वाले हैं, उससे कहीं ज्यादा नापसंद करने वाले हैं। नरेश अकेले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने न केवल हिंदू धर्म पर टिप्पणी की, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था। वह बीजेपी में शामिल भी हुए तो जया बच्चन पर टिप्पणी करने के साथ, जिसका विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने न केवल विरोध किया, बल्कि उन्हें हिदायत देते हुए कहा कि यह टिप्पणी अनुचित और अस्वीकार्य है।
राजनाथ को अग्रवाल नहीं पसंद
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अग्रवाल को तब से पसंद नहीं करते जब वे 2001 में उनकी सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। राजनाथ ने कार्यशैली से तंग आकर उन्हें 2001 में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। नरेश ने तब लोकतांत्रिक कांग्रेस बनाई थी और वह राजनाथ सरकार को समर्थन दे रहे थे। अग्रवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तब राजनाथ को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा। नरेश ने 19 विधायकों का समर्थन वापस लेने की धमकी दी, पर उसी वक्त अग्रवाल के साथ के 13 विधायकों ने राज्यपाल को यह लिखकर दे दिया कि वे राजनाथ सिंह के साथ हैं। इसके बाद नरेश अग्रवाल को मुंह की खानी पड़ी। तब से उनके और राजनाथ के रिश्ते सामान्य नहीं रहे।
अशोक वाजपेयी से छत्तीस का आंकड़ा
बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार अशोक वाजपेयी और नरेश अग्रवाल के बीच हरदोई की सियासत में छत्तीस का आंकड़ा काफी पुराना है। एसपी के भीतर भले अशोक वाजपेयी मुलायम के करीबी और वरिष्ठ नेता माने जाते हों, लेकिन एसपी सरकार में नरेश ने हरदोई को अपने मनमुताबिक ही चलाया। पिछली सरकार में हरदोई में जो भी अफसर पोस्ट हुआ, वह नरेश के हिसाब से ही रहा।
सरल और शांत स्वभाव के पूर्व शिक्षा मंत्री अशोक वाजपेयी और नरेश अग्रवाल के बीच छत्तीस का आंकड़ा समाजवादी परिवार के झगड़े तक सामने दिखा। जब अग्रवाल के कहने पर अशोक वाजपेयी को अखिलेश यादव ने तवज्जो नहीं दी तब वह शिवपाल के साथ जा खड़े हुए। इसी वजह से अशोक वाजपेयी एमएलसी पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए। ।
 

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