नई दिल्ली ; बेघर लोगों को 2019 से पहले मिल सकती है अपनी छत
नई दिल्ली :देश में अब तक 99 स्मार्ट सिटी की घोषणा हो चुकी है। लेकिन धरातल पर अब तक एक भी नहीं उतर पाई है। इस बजट से शहरी विकास मंत्रालय को उम्मीद है कि दस शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पूरा धन आवंटित हो जाएगा। इसमें आठ शहरों के नाम भी करीब-करीब तय हो चुके हैं। सरकार 2019 के आम चुनाव में इसे उदाहरण के तौर पर पेश करने की कोशिश में है। घर की आस में बैठे लाखों लोगों की इच्छा भी अगले साल से पहले पूरी हो सकती है। सबके सिर पर छत के लिए मंत्रलय ने 2019 में ही अस्सी फीसदी काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। मंत्रलय ने अभी तक दो लाख तीन हजार करोड़ रुपए की निवेश लागत से 37.5 लाख आवासों के निर्माण को मंजूरी दी है। बीते साल (2017-18) के बजट में वित्त मंत्रलय ने आवास योजना के बजट में नौ हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी करते हुए 29043 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। सूत्रों के अनुसार मंत्रलय ने इस साल इस राशि में 25 फीसद की बढ़ोतरी की मांग की है, ताकि विभिन्न जारी व नई आवास परियोजना पर तेजी से काम किया जा सके। मंत्रलय ने अपनी अन्य अहम परियोजनाओं स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत मिशन, अमृत व हृदय शहरों के लिए भी अधिक आवंटन की मांग की है। बीते बजट में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 8000 करोड़ रुपए, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 4948 करोड़ रुपए, स्मार्ट सिटी व अमृत के लिए 1704 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था। इस साल वह इन परियोजनाओं के लिए भी लगभग 25 फीसदी बढ़ोतरी चाहता है।2015 में शुरू हुआ था मिशन: जून 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन शुरू हुआ था। विभिन्न शहरों में प्रतिस्पर्धा हुई, लेकिन इनमें कुछ राज्यों की राजधानियां छूट गईं। बाद में सभी राज्यों की राजधानियों को शामिल किया।