लाइफस्टाइल

बार-बार होती है फूड प्वाइजनिंग तो हो जाएं सावधान

छोटे-मोटे बैक्टीरिया इन्फेक्शन पर हम अकसर अधिक ध्यान नहीं देते, लेकिन ये संक्रमण गंभीर जलन या संभावित रूप से जानलेवा कोलाइटिस का कारण बन सकते हैं. पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में यह बताया गया है कि जीवाणु संबंधी मामूली संक्रमणों के कारण उम्र बढऩे पर आपको जलन संबंधी समस्या पैदा करने वाली गंभीर बीमारी हो सकती है. अमेरिका के सैनफोर्ड बर्नहाम प्रेबिस मेडिकल डिस्कवरी इंस्टीट्यूट (एसबीपी) के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन में सामने आए इन तथ्यों से ‘इन्फ्लेमेटरी बॉवल डिजीज’ (आईबीडी) के पीछे के कारण का पता चल सकता है. इस बीमारी का कारण पता नहीं चल पाया है.

इस अध्ययन ने यह भी दर्शाया है कि इस प्रकार के कई सबूत मिले है कि कोलाइटिस और आईबीडी समेत जलन संबंधी आम बीमारियों की शुरुआत में व्यक्ति के आनुवांशिक कारक सीमित भूमिका निभाते हैं.

फूड प्वाइजनिंग होने पर अपनाएं ये उपाय

*जितना हो सके पेय पदार्थ पीजिए- पानी, डिकैफिऩेटेड चाय या जूस जो भी आप पी सकते हैं वो लें इससे आप तरल पदार्थ की कमी दूर कर सकते हैं और निर्जलीकरण को रोकने में भी ये मददगार होगा.

*शराब, दूध या कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचें.

*नरम खाद्य पदार्थ खाना शुरू करें जैसे- चावल, केला, टोस्ट, आदि.

*मसालेदार भोजन, तले हुए खाद्य पदार्थ, डेयरी और हाई फैट खाद्य पदार्थों से बचें.

*अपने खाने में प्रोबायोटिक्स लेना शुरु करें, प्रोबायोटिक्स आंतों में गुड वैक्टीरिया को फिर से लाने में सहायक होते हैं और आपकी सेहत को जल्दी सुधारने में सहायता करते हैं.

*हर्बस को ट्राई करें- तुलसी, जीरा, सौंफ, धनिया इनको इस दौरान लेना शुरु करें.

*जितना संभव हो उतना आराम करें क्योंकि फूड प्वाइजनिंग थकान को बढ़ा देता है.

*फिर भी यदि आपको फूड प्वाइज़निंग से जल्दी ही आराम ना मिले तो डॉक्टर को दिखाकर दवाई शुरु करें.

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