बिलासपुर, शादी का मंडप सजाना हो या जन्मदिन की पार्टी मनाना या कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करना हो । इन कार्यक्रमों में मेहमानों की संख्या 100 से ज्यादा होने पर आयोजन के तीन दिन पहले नगर निगम को जानकारी देनी होगी। यही नहीं कार्यक्रम के बाद जितना सॉलिड वेस्ट निकलेगा,उसका प्रबंधन आयोजक खुद करेगा या फिर अन्य माध्यमों से कराएगा।
स्वच्छता अभियान को लेकर अब प्रदेश के नगरीय निकायों में शिकंजा कसने लगा है। इसके लिए देशभर के निकायों में स्वच्छता रैंकिंग भी हो रही है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर प्रदेशभर के निकायों की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के बाद भी चौक-चौराहों में कचरा पड़ा नजर आ रहा है। लिहाजा राज्य शासन ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 को प्रभावी बनाने और इस पर कड़ाई से अमल करने का निर्देश जारी किए हैं। इसी के तहत अब सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम के दौरान आने वाले मेहमानों की संख्या की जानकारी निगमों को देने की अनिवार्यता रख दी है। कार्यक्रम के बाद कचरा प्रबंधन को लेकर भी पहले ही जानकारी देनी होगी। वे अपने स्तर पर कचरों को प्रबंधन कराएंगे या अन्य किसी माध्यम से कचरा प्रबंधन कराएंगे ।
कचरा प्रबंधन की व्यवस्था न करने पर आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर से प्रतिदिन 350 टन सॉलिड वेस्ट निकलता है। इसमें 8 से 10 टन प्लास्टिक कचरा भी शामिल है। प्रतिबंध के बावजूद निकल रहे प्लास्टि कचरा को लेकर पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग भी हैरान है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के गाइड लाइन की अनदेखी भी हो रही है।
मलबा निकलता है तो देना होगा प्रबंधन प्लान
"भवन व मकान निर्माण कार्य या फिर मकान ढहाने के दौरान निकलने वाले मलबा के प्रबंधन की भी जानकारी देनी होगी । मलबा निकलने की स्थिति में निर्माणकर्ता को बताना होगा कि वह किस जगह पर इसे डंप करेगा। मलबे से कांक्रीट,मिट्टी,स्टील,लकड़ी,ईंट व प्लास्टिक आदि को अलग करना अनिवार्य कर दिया है। – डोर-टू-डोर कचरा प्रबंधन के बाद भी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 को प्रभावी बनाया जा रहा है। नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी ।" – किशोर राय-महापौर,नगर निगम