छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और सत्तारूढ़ भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस, अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को करना पड़ा हस्तक्षेप

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज प्रश्नकाल के दौरान ऐसा क्षण आया जब सदन का माहौल अचानक गर्म हो गया। विपक्ष के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और सत्तारूढ़ भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस देखने को मिली, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को सख्ती के साथ हस्तक्षेप करना पड़ा और सभी सदस्यों को सदन की मर्यादा का पाठ पढ़ाना पड़ा।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव जल जीवन मिशन के तहत अधूरे कार्यों के बावजूद 70% से अधिक भुगतान किए जाने के मुद्दे पर सरकार से सवाल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार द्वारा सदन में कहा गया था कि अधूरे कार्यों का 70% से अधिक भुगतान नहीं किया जाएगा, लेकिन वास्तविकता में कई परियोजनाओं में 80% से अधिक भुगतान कर दिया गया है। जब यादव ने अपनी बात जोरदार तरीके से रखनी शुरू की, तब सत्तापक्ष के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने उन्हें टोका और सवाल उठाया कि “किस प्रक्रिया के तहत वे इस तरह चिल्ला रहे हैं?”
फिर भड़के कांग्रेस विधायक
चंद्राकर की टोकाटाकी से नाराज होकर देवेंद्र यादव ने भी तीखे लहजे में जवाब दिया और दोनों नेताओं के बीच बहस तेज हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि कई बार एक-दूसरे की बातों पर आवाजें उठाईं गईं और प्रश्नकाल बाधित हुआ।
डॉ. रमन सिंह ने दी सख्त चेतावनी
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को अंततः स्थिति संभालनी पड़ी। उन्होंने स्पष्ट कहा:
“विधानसभा सड़क नहीं है जहाँ भाषण दिया जाए। पूरा छत्तीसगढ़ इस सदन की कार्यवाही देख रहा है। विधानसभा की गरिमा बनी रहनी चाहिए। सदस्य सीधे-सीधे एक-दूसरे से न उलझें, केवल आसंदी को संबोधित करें। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि लोकतंत्र के इस मंदिर की मर्यादा बनाए रखें और विषयों पर बहस करें, लेकिन व्यक्तिगत हमलों और शोर-शराबे से बचें। इस बहस ने यह साफ कर दिया कि सत्ता और विपक्ष के बीच मुद्दों को लेकर टकराव तेज होता जा रहा है। वहीं, कांग्रेस विधायक ने सरकारी विभागों पर “विधानसभा को गुमराह करने” का आरोप लगाया, जबकि भाजपा के विधायक ने इसे “बिना तथ्यों के हंगामा” बताया।