विदिशा एसपी ने पहले अपनी एसआई को की ईनाम की घोषणा फिर खुद ही रुकवा दिया
विदिशा: 16दिसंबर को विदिशा कोतवाली की महिला एसआई से छेड़छाड़ का मामला, अब खुद एसपी साहब के लिए गले की हड्डी बन गया है, पहले जहां उन्होने इस मामले में अपनी ही महकमे की महिला एसआई को उसके साहस के लिए 5 हजार रुपए ईनाम देने की घोषणा कर दी थी, वहीं अब खुद उन्होने ही इस पुरुस्कार पर रोक लगा दी है, साथ ही अपने ही महकमे के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही है ।
पुलिस के मुताबिक ये था मामला ?
ये पूरा मामला 16 दिसंबर का है, जिसके अगले दिन पुलिस ने मीडिया के सामने आरोपियों को पेश किया और पलिस अधिकारियों ने बताया कि हमारी एस आई रात में वाहन चेकिंग कर रही थी इसी दौरान तीनों आरोपी 3 गाडी मे बैठे थे उन्होंने कट्टा निकालकर एस आई शिखा से छेड़छाड़ शुरू कर दी लेकिन बड़ी बहादुरी से शिखा ने इऩ आरोपियों को पडक लिया और उन्हेें थाने लाई, एसआई बहादुरी की खबर भी मीडिया ने प्रमुखता से छापी, वहीं इसी बीच कोतवाली पुलिस ने अपनी एस आई शिखा चाहर के साहस और बहादुरी के लिए एसपी को खत लिख दिया, इसके बाद एसपी ने भी देर नहीं की और फौरन 5 हजार रुपए पुरस्कार देने की घोषणा भी कर दी..।
प्रत्यक्षदर्शी का बयान
अब मामले ने नया मोढ़ ले लिया जब विदिशा के एक थर्ड इयर लाँ के छात्र चिन्मय पाण्डे ने यह घटना खुद देखी थी जिसमें वह तीनों लोग उस रात कैसे हाथ जोडे खडे थे शिखा के साथ और पुलिस इनको कूट रही थी..और ना ही वहां कोई कट्टा निकाला गया..इसकी खबर देखते ही इस स्टूडेंट ने एसपी को एक पत्र भेज दिया और बताया कि आपकी पुलिस ने एक झूठी घटना बताकर वाहवाही लूटी है ।
जेल से बाहर आकर आरोपियों ने क्या कहा ?
जमानत पर छूटे आरोपियों ने जेल से बाहर निकलने के बाद बताया कि उस रात 10 बजे माधवगंज पर कोतवाली थाने मे पदस्थ एस आई शिखा चाहर अपनी चार पहिया वाहन को बीच सड़क पर गेट खोले खडी थी, इसी बीच पीछे से उऩकी बुलेरो गाडी आई और उसने हार्न बजाया, लेकिन शायद महिला एस आई को ये बात अपने ओहदे और रुतबे के खिलाफ लगी और एस आई शिखा ने पीछे खडी गाडी की चाबी निकाल ली इसके थोड़ी देर बाद कोतवाली थाने से बडी संख्या में पुलिसकर्मी आ गए और उन्होंने ने तीनों की जमकर पिटाई करी दी और थाने में लेजाकर भी जमकर पिटाई की फिर अगले दिन मनगढ़ंत कहानी बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया ।
क्या कहानियां बनाने में माहिर हो गई है विदिशा पुलिस ?
जिले की पुलिस की कार्रवाई लगातार कठघरे में हैं, पुलिस अपनी कारगुजारियों की वजह से सुर्खियों में है जिससे आम लोगों को भरोसा उसपर से उठता जा रहा है, इससे पहले भी गंजबासौदा पुलिस ने जिओ कंपनी की बैटरियां चोरी होने का जो खुलासा किया था उसपर भी उन्हीं लोगों ने उसकी कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिया जिनके खेतों में से बैटरियां चोरी हुई हैं ।
दहशत में है जिले की जनता !
जिस तरह से जिला पुलिस के झूठे मामले सामने आ रहे हैं उससे जनता दहशत है, उनके दिलों में डर है कि पुलिस अपनी दबंगई दिखाने के लिए किसी को भी, और कभी भी उठाकर सलाखों के पीछे भेज सकती है, फिर चाहे कसूर किसी का भी हो ।
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