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नई दिल्ली : एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपीलेट ट्राइब्यूनल गईं अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियां

नई दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसकी सब्सिडियरीज ने नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पिछले हफ्ते के आदेश के खिलाफ अपीलेट ट्राइब्यूनल में याचिका दायर की है, जिसमें इन कंपनियों के खिलाफ दिवालिया कोर्ट में कार्यवाही शुरू करने की बात कही गई थी। इस बीच, अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियां 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाये के लंबे समय से चले आ रहे विवाद को खत्म करने के लिए टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन से बात भी कर रही हैं।

ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पिछले हफ्ते के आदेश के खिलाफ अपीलेट ट्राइब्यूनल में याचिका दायर की है

इस मामले से वाकिफ दो वकीलों में से एक ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘आरकॉम, रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलिकॉम ने एनसीएलएटी में याचिका दायर करके एनसीएलटी के फैसले पर रोक लगाने की अपील की है। याचिका में कहा गया है कि एरिक्सन ऑपरेशनल क्रेडिटर थी और कंपनी पर उसके बकाए कर्ज को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था।’ इस शख्स ने कहा, ‘इस बकाए को लेकर विवाद है।

रिलायंस टेलिकॉम ने एनसीएलएटी में याचिका दायर करके एनसीएलटी के फैसले पर रोक लगाने की अपील की है

इसलिए सेक्शन 9 के तहत कंपनियों के खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू नहीं की जा सकती।’ उन्होंने यह भी बताया कि अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों ने सोमवार को एनसीएलएटी में याचिका दायर की है। वहीं, आरकॉम और एरिक्सन ने इस बारे में इकनॉमिक टाइम्स के पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। एक अन्य वकील ने बताया कि आरकॉम स्वीडन में एरिक्सन के मुख्यालय से बकाए पर विवाद को सुलझाने के लिए बात कर रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है।

एरिक्सन ऑपरेशनल क्रेडिटर थी और कंपनी पर उसके बकाए कर्ज को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था

इकनॉमिक टाइम्स ने पिछले हफ्ते बताया था कि दोनों पक्षों के बीच अब 700-800 करोड़ रुपये में सेटलमेंट को लेकर बातचीत हो रही है। आरकॉम ने पहले एरिक्सन को 400-500 करोड़ रुपये में कोर्ट से बाहर मामला सेटल करने को कहा था, जिसे स्वीडन की कंपनी ने ठुकरा दिया था। आरकॉम ने भी एरिक्सन के साथ विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की पुष्टि की है। उसने कहा कि इस मामले के सुलझने से उसे इनसॉल्वेंसी प्रोसेस से बाहर निकलने में मदद मिलगी। हालांकि, एरिक्सन, आरकॉम के कर्जदाताओं में से एक एसबीआई से अंडरटेकिंग की मांग कर रही है, जिसमें यह लिखा हो कि अगर टेलिकॉम कंपनी उसका पैसा नहीं चुकाती है तो वह रकम एसबीआई चुकाएगा।

दोनों पक्षों के बीच अब 700-800 करोड़ रुपये में सेटलमेंट को लेकर बातचीत हो रही है

इस पर भी दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। इससे पहले एनसीएलटी ने आरकॉम के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की एरिक्सन की याचिका स्वीकार की थी। उसने कहा था कि एरिक्सन ने आरकॉम की तरफ से बकाए पर डिफॉल्ट की बात साबित की है। एनसीएलटी के आदेश के बाद अनिल अंबानी ग्रुप की तीनों कंपनियों पर 15 मई से इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स शुरू होनी थी। इस फैसले में ट्राइब्यूनल ने इन कंपनियों के एसेट बेचने पर रोक लगा दी थी। एनसीएलटी के फैसले के बाद एयरसेल के बाद आरकॉम दूसरी टेलीकॉम कंपनी बन गई, जिसके खिलाफ दिवालिया कोर्ट में अर्जी स्वीकार की गई है।

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