वैक्सीन बनाने में 8-10 साल लग जाते हैं – WHO
नईदिल्ली, WHO ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सबसे कम समय 5 साल इबोला की वैक्सीन बनाने में लगे थे. अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि ‘सामान्य तौर पर वैक्सीन बनाने में 8 से 10 साल लग जाते हैं, लेकिन कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए हमारा लक्ष्य 12 से 18 महीने का है. अगर ऐसा हुआ तो यह चमत्कार से कम नहीं होगा ।
कोरोना को रोकने का सिर्फ एक तरीका वैक्सीन- WHO
WHO ने बयान में कहा कि ‘एक स्टडी से पता चला है कि वैश्विक आबादी के छोटे से हिस्से ने इस बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली है. हालांकि इस चेन को ब्रेक करने और वायरस को और अधिक फैलने से रोकने का सिर्फ एक ही तरीका वैक्सीन है’.संस्था ने कहा कि ‘सभी लोगों पर COVID19 का खतरा है. ऐसे में सभी के पास इसे रोकने, पता लगाने और इलाज करने के लिए सभी साधनों तक पहुंच होनी चाहिए. संसाधनों पर पहुंच सिर्फ उनकी नहीं होनी चाहिए जो इलाज के लिए भुगतान दे सकते हैं.’
दुनिया भर में कोरोना के करीब 98 लाख मामले
इससे पहले डब्ल्यूएचओ यूरोप कार्यालय ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की जिसमें 11 देशों का नाम लिया गया इसमें स्वीडन, आर्मेनिया, अल्बानिया, कजाखिस्तान और यूक्रेन शामिल हैं. स्वीडन में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, हालांकि कहा जा रहा है कि इसके पीछे जांच की संख्या में बढ़ोतरी है.
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