रायपुर : रंग पर्व में महज सप्ताह भर का समय शेष रह गया है। होली पर्व को लेकर बाजार में खासा उत्साह देखा जा रहा है। रंग-गुलाल, पिचकारियों के साथ ही नगाड़ों का बाजार सजकर तैयार है, लेकिन महंगाई ने पिछले साल की तरह इस साल भी होली का रंग फीका कर दिया है।01 मार्च को होलिका दहन के साथ ही रंगोत्सव शुरू हो जाएगा। रायपुर में होली की खुमारी कम से कम 3 दिन तक चलती है। इस लिहाज से गुरूवार 01 मार्च होलिका दहन, 02 मार्च शुक्रवार को होली अवकाश और इसके बाद शनिवार-रविवार के चलते इस वर्ष होली का हुड़दंग 4 दिनों तक चलेगा। इधर रंग पर्व होली को लेकर शहर के बाजारों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। शहर के गोलबाजार, शास्त्रीबाजार, बंजारी रोड में होली सामग्रियों के थोक बाजार में ग्राहकी तेज हो गई है। फुटकर व्यापारियों की खरीदी बढऩे के साथ ही चिल्हर मार्केट भी अब जोर पकडऩे लगा है। तरह-तरह की पिचकारियों के साथ ही सेंटेड गुलाल, रंग आदि की डिमांड बढऩे लगी है। बच्चों को लुभाने के लिए हर साल की तरह इस साल भी कार्टून पात्र वाले पिचकारियां बच्चों को लुभा रही है।नगाड़ा बाजार में सन्नाटा होली पर्व बिना नगाड़ों के अधूरा ही रहता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी शहर के प्रमुख चौराहों पर नगाड़ों की दुकानें सजकर तैयार है। राजनांदगांव, खैरागढ़ जैसे इलाकों से नगाड़ा विक्रेता सैकड़ों नगाड़ों, ताशों के साथ अपनी-अपनी दुकानें सजकर ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन बढ़ती महंगाई और परंपराओं से दूर होते लोगों के चलते नगाड़ों की पूछ-परख साल दर साल कम होती जा रही है। नगाड़ा विक्रेताओं का कहना है कि शहर में अब नगाड़ों के शौकीन कम हो गए हैं। एक समय में माह भर पूर्व नगाड़ों की बिक्री शुरू हो जाती थी, लेकिन अब आलम यह है कि पूरे सीजन के गुजर जाने के बाद भी केवल एक चौथाई नगाड़ों की बिक्री बमुश्किल हो पाती है। इसकी प्रमुख वजह लोगों के संस्कृति से दूर होना है। लोग अब नगाड़ों की थाप के बजाए डीजे की धुन पर पर्व मनाने लगे हैं। दूसरा कारण बढ़ती महंगाई भी है। कुल मिलाकर होली पर्व में सप्ताह भर का समय शेष होने के बाद भी नगाड़ा बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है और विक्रेता ग्राहकों की बाट जोह रहे हैं।
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