नईदिल्ली : मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा पर सरकार को घेरेगी लेफ्ट पार्टियां

नई दिल्ली : लेफ्ट पार्टियां देश में मॉब लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की योजना बना रही हैं। साथ ही इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के लिए भी दबाव बना सकती हैं। आगामी 18 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही सीपीआई और सीपीएम ने आरोप लगाया कि देश में पीट-पीटकर हत्या और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में कई लोग मारे गए हैं और प्रधानमंत्री को संसद में बताना चाहिए कि उनकी सरकार आरएसएस-बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति को नियंत्रित करने के लिए क्या कर रही है।
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रविवार को सीपीएम के लोकसभा सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा, हम संसद के दोनों सदनों में देश में लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दों को उठाएंगे। वहीं, दलितों के खिलाफ अपराध और उनपर हमलों की बढ़ती घटनाओं के लिए संघ-बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराते हुए सीपीआई के राज्यसभा सदस्य डी. राजा ने कहा कि मोदी को बताना चाहिए कि अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कानून को हल्का क्यों किया गया और देश में इतनी बड़ी संख्या में दलित क्यों मारे जा रहे हैं।