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छत्तीसगढ़; में कोरोना पिछले चार दिन में करीब 100 मौत, ज्यादातर मौतें 50 से ऊपर

प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2957 पहुंची

प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना के 1579 नए मरीज मिले हैं, जिनमें 196 मरीज रायपुर के हैं। रायपुर में दो समेत 15 मरीजों की कोरोना से मौत भी हुई है। इस मौत के साथ ही प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2957 पहुंच गई है। जबकि रायपुर में 669 लोगों ने दम तोड़ा है। प्रदेश में पॉजिटिव केस की संख्या 243999 है।

एक्टिव केस 19351 है। रायपुर में कुल 47373 मरीजों में 7132 का इलाज अस्पतालों व घरों में चल रहा है। पिछले चार दिन से मौतें बढ़ी हैं और इस दौरान प्रदेश में 95 लोगों ने कोरोना से दम तोड़ा है। इन नई मौतों को लेकर विशेषज्ञों का यह भी आंकलन है कि इनमें से करीब 75 फीसदी लोग (65) ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 से 60 वर्ष के बीच है।

वहीं पिछले 24 घंटे में 1319 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में रोजाना औसतन 24 मरीजों की मौत दिसंबर में हुई है। 29 मई को पहली मौत से लेकर अब तक 2957 मरीजों ने कोरोना से दम तोड़ा है। इस लिहाज से 190 दिनों में रोजाना औसतन 16 मरीजों की मौत हुई है। छह माह के दौरान रोज 16 मरीजों की मौत बड़ा आंकड़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार इन दिनों 50 से 60 वर्ष तक की उम्र के मरीजों की मौत ज्यादा हो रही है। इसमें गंभीर बीमारी के अलावा केवल कोरोना से मौत भी शामिल हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार इस आयु वर्ग के लोगों की ज्यादा मृत्यु क्यों हो रही है, यह रिसर्च का विषय है। हालांकि अनुमानित तौर पर यह बात आ रही है कि इस उम्र के अधिकांश लोग ऊपरी तौर पर स्वस्थ रहते हैं, संभवत: इसलिए वे लक्षण के बावजूद बुजुर्गों या बच्चों की तरह अपनी केयर नहीं कर पा रहे हैं। इससे फेफड़ों में धीरे-धीरे इंफेक्शन बढ़ता जाता है। जब वे अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं, तब इसी वजह से उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है।

बढ़ रही ठंड, अस्थमा वालों को अलर्ट रहने की जरूरत
कोरोना कोर कमेटी के सदस्य व सीनियर चेस्ट एक्सपर्ट डॉ. आरके पंडा और कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन का कहना है कि प्रदेश मेें अब ठंड बढ़ने लगी है। जब ज्यादा ठंड बढ़ेगी, तो फ्लू व वायरल फीवर के मरीज बढ़ेंगे।

अस्थमा वाले मरीजों को सांस लेने की दिक्कत बढ़ जाती है। कोरोना के भी यही लक्षण हैं, इसलिए कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि उन्हें मौसमी बीमारी तो नहीं है। इसी दुविधा में वे काेरोना की जांच कराने में देरी कर देते हैं। कोई भी लक्षण हो, तत्काल जांच कराने से वायरल लोड नहीं बढ़ेगा। समय पर इलाज शुरू होगा तो मौतें भी कम की जा सकेंगी।

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