छत्तीसगढ़बीजापुर

इस वजह से नक्सलियों ने CRPF के कोबरा कमांडो राकेश्वर को छोड़ा दिया, पढ़िए पूरी खबर

5 दिनों से नक्सलियों के कब्जे में रहे CRPF कोबरा कमाण्डो राकेश्वर सिंह को छुड़ाने के लिए सरकार और नक्सलियों के बीच एक सीक्रेट डील हुई थी। इस डील का खुलासा तब हुआ जब राकेश्वर की रिहाई के लिए पत्रकारों की टीम मध्यस्थों के साथ नक्सलियों के गढ़ में पहुंची। बीजापुर मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने कुंजाम सुक्का नाम के एक आदिवासी को अपने कब्जे में ले लिया था। नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह को छोड़ने के बदले इस आदिवासी की रिहाई की शर्त रखी थी। सुरक्षा बलों ने कुंजाम सुक्का को मध्यस्थों के साथ नक्सलियों के पास भेजा। इसका हैंडओवर मिलने के बाद ही नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह को पत्रकारों के हवाले किया। 5 दिनों से नक्सलियों के कब्जे में रहे कमांडो को जब नक्सली छोड़ रहे थे, वहां करीब 40 नक्सली मौजूद थे। आस-पास के 20 गांव के लोगों को बुलाया गया था। इन सबके बीच जवान को छोड़ा गया।

इस बीच जवान को छोड़ने के वक्त शाम को करीब 4 बजे के आस-पास पूरे ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। गांव के लोगों ने नक्सलियों से कहना शुरू कर दिया था कि जवान को छोड़कर वो गलती कर रहे हैं, इसे मत छोड़ो, मत रिहा करो। हंगामा बढ़ता, इससे पहले ही जवान और मध्यस्थों के साथ पत्रकार बाइक में सवार होकर निकल गए। नक्सलियों और बहुत से ग्रामीणों ने अब पत्रकारों और मध्यस्थों के सामने ये शर्त भी रख दी है कि आने वाले दिनों में जब फोर्स के लोग आदिवासियों को हिरासत में लें तो उन्हें छुडा़ने के लिए भी इसी तरह की वार्ता और मध्यस्थता और पहल करनी होगी।

ये खबर भी पढ़ें – नक्सली हमले पर केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा- घुसकर मारेंगे, सीएम भूपेश बोल- अब आर या पार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button