छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जिन्हें अबतक कोरोना नहीं हुआ वे ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहे है, कि हमें इस बीमारी की चपेट में आने से बचाए रखे । जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं वे अपनी जिंदगी की दुआ मांग रहे हैं । लेकिन ये ऐसी महामारी है, जिसके आगे पूरी दुनिया बेबस है । बड़े से बड़े नेता, वैज्ञानिक, डॉक्टर हर कोई फेल है । न प्रार्थनाएं काम आ रही हैं न ही पैसा । अमीर हो या गरीब, ये वायरस किसी पर रहम नहीं कर रहा है ।
छत्तीसगढ़ में सोमवार को 226 लोगों को इस वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया । देर रात प्रदेश कांग्रेस की दिग्गज नेता और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला का जीवन भी कोरोना की भेंट चढ़ गया। देर रात उन्होंने रायपुर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। करुणा शुक्ला भाजपा से बिलासपुर की सांसद भी रह चुकी हैं । भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आईं करुणा शुक्ला ने विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को राजनांदगांव में चुनौती दी थी। सरकार ने उन्हें छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था।
करुणा शुक्ला के निधन की खबर के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपनी बेबसी सोशल मीडिया पर जाहिर की । उन्होने लिखा, “मेरी करुणा चाची यानी करुणा शुक्ला जी नहीं रहीं। निष्ठुर कोरोना ने उन्हें भी लील लिया। राजनीति से इतर उनसे बहुत आत्मीय पारिवारिक रिश्ते रहे और उनका सतत आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और हम सबको उनका विछोह सहने की शक्ति।“
वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम आदि ने भी करुणा शुक्ला को श्रद्धांजलि दी।