छत्तीसगढ़

एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने बिखेरी सांस्कृतिक छटा

रायपुर, 27 दिसम्बर 2021

एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों की सांस्कृतिक एवं बौद्धिक क्षमता
आदिम जाति कल्याण विभाग

एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों की सांस्कृतिक एवं बौद्धिक क्षमता को निखारने के उद्देश्य से आयोजित राज्य स्तरीय सांस्कृतिक एवं बौद्धिक प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने शानदार प्रस्तुति दी। बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर सहित वनांचल क्षेत्रों के एकलव्य आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराओं, लोक कलाओं सहित शास्त्रीय नृत्य गांयन-वादन से अविभूत किया। प्रतियोगिता में प्रदेशभर से लगभग 170 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से अपने बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया। समूह नृत्य, एकल नृत्य, गायन, निबंध, वाद-विवाद, पेटिंग, प्रश्नमंच और तत्कालिक भाषण विषयों पर प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। 
उल्लेखनीय है कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यार्थियों की कला प्रतिभा को सामने लाने तथा बौद्धिक क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश स्तरीय क्रीडा, सांस्कृतिक तथा बौद्धिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण आयुक्त शम्मी आबिदी ने आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय सांस्कृतिक एवं बौद्धिक प्रतियोगिता को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के बालक-बालिकाओं के प्रतिभा के कोई कमी नहीं है। वे कला-संस्कृति एवं बौद्धिक रूप से निपुण हैं। प्रदेश स्तर पर एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अध्यनरत विद्यार्थियों में क्रीडा सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षमता को विकसित करने तथा विद्यार्थियों के प्रतिभा को सामने लाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ में विभाग का पहला बड़ा आयोजन है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण गत दो वर्षों में विद्यार्थियों के प्रतिभाओं को सामने नहीं ला पाए। अभी भी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, कोरोना गाइड लाईन का पालन जरूरी है। 

श्रीमती आबिदी ने कहा कि यह एकलव्य आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए जिला संभाग और राज्य स्तर पर क्रीडा
आबिदी ने कहा कि यह एकलव्य आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए जिला संभाग और राज्य स्तर पर क्रीडा, सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इन बच्चों के प्रतिभा में बेहतर निखार से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं, जो प्रदेश के लिए गौरव का विषय होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति यदि नियंत्रित रही तो राष्ट्रीय स्तर पर भी इस तरह का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता का जजमेंट डॉ. आरती सिंह और दीपिका चतुर्वेदी ने की। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, प्रशिक्षक और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। 

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