छत्तीसगढ़ न्यूज़ | Fourth Eye News

पंचायत एवं पशुपालन विभाग को आपसी समन्वय के साथ मवेशियों के उपचार और रोग के संक्रमण के रोकथाम हेतु कार्य करने के निर्देश.

अम्बिकापुर । जिले में लम्पी स्कीन रोग के आहट से पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने विशेष संज्ञान लेते हुए इस रोग से मवेशियों के बचाव और उपचार के लिए विभाग को निर्देशित किया है। इसके साथ ही उन्होंने रोग की रोकथाम के लिए पंचायत और पशुपालन विभाग को आपसी समन्वय करते हुए कार्ययोजना पर अमल करने निर्देशित किया है।
पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि लम्पी स्कीन डिसीज एक विषाणु (वायरल) जनित रोग है। जो मुख्यतः मच्छर मक्खी के काटने एवं दूसरे पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है। जिले में 4 लाख से अधिक पशुधन है। लम्पी स्कीन रोग से रोकथाम एवं बचाव के उपाय टीकाकरण ही एकमात्र बचाव का तरीका है। इस रोग हेतु गोट पॉक्स टीका लगाया जाता है।

मवेशियों को रोग से बचाने पशुपालकों से अपील:

नये जानवरों को अलग रखें और इस रोग से संक्रमित पशु को अलग रख के उसका उपचार करना चाहिए। उचित कीटनाशक का उपयोग कर मच्छर मक्खियों तथा अन्य बाह्य परजीवियों का नियंत्रण करना चाहिए। वर्तमान में जिले में इस रोग से संक्रमित लगभग 15 पशुओं की पहचान की गई है। जिन्हें आइसोलेट कर समुचित उपचार किया जा रहा है। संक्रमित घुमंतु पशुओं को बौरीपारा के अस्थाई शेड में रखा गया है एवं शेष पशुओं को पशुपालकों के घर पर ही आइसोलेट कर उपचार किया जा रहा है।
जिले में वर्ष 2022-23 में गौठनों के माध्यम से शिविर कर 3 लाख 26 हजार 976 पशुओं में टीकाकरण किया गया है एवं वर्ष 2023-24 में 90 हजार टीकाद्रव्य क्रय किया गया है जिसमें से 67580 पशुओं का आज तक टीकाकरण किया गया है जो निरंतर जारी है। जिले में लंपी स्किन रोग के संक्रमण से बचाव हेतु सभी विकासखण्डों में टीम गठित कर दी गई है एवं जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर दैनिक निगरानी की जा रही है। निगरानी दलों पर रोग के रोकथाम एवं समुचित उपचार हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही दलों को गौठानों में शिविर आयोजित कर पशुपालकों को रोग से बचाव व रोकथाम हेतु जागरूक करने के निर्देश दिये गये हैं।

लम्पी स्किन रोग के संक्रमण से बचाव हेतु सभी विकासखण्डों में टीम गठित एवं जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित- एलएसडी रोग के रोकथाम एवं समुचित उपचार हेतु टीम गठित कर चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। उक्त टीम के नियंत्रण के लिए कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ रूपेश कुमार सिंह  एवं सहायक नोडल अधिकारी सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अमित वर्मा एवं परिचारक निरज कुमार सिन्हा सदस्य होंगे।

उक्त गठित टीम में विकासखंड अम्बिकापुर (ग्रामीण) हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ सुनिल मिंज को नोडल अधिकारी एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ प्रताप नारायण गहिरवार को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड लखनपुर हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ मोहिनी श्रीवास्तव को नोडल अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी सुखदेव तिर्की को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड लुण्ड्रा हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ हरिशंकर प्रजापति को नोडल अधिकारी एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ विशाल बंसल को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड सीतापुर हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ रितेश जायसवाल एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी मुरारी गुप्ता को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड मैनपाट हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ डायमंड साहू को नोडल अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी डॉ रमाकांत पैंकरा को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड बतौली हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ अनिल चौहान एवं पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ चन्द्रशेखर सिंह को सहायक नोडल अधिकारी, विकासखंड उदयपुर हेतु पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ राहुल पेण्ड्रो को नोडल अधिकारी एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी हरकेश चौधरी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है।

गठित दल प्रत्येक दिवस एलएसडी रोग से ग्रसित पशु एवं उपचारित पशु की जानकारी कंट्रोल रूम में अवगत कराएंगे। गठित दल गौठानों में शिविर के माध्यम से पशुपालकों को रोग के बारे में जानकारी, बचाव के उपाय, आवश्यक सावधानियां एवं उपचार से अवगत कराएंगे। विकासखंड उपलब्ध एलएसडी टीकाद्रव्य के आधार पर पशुओं में टीकाकरण करवांएगें।

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