नारायणपुर । कृषि विज्ञान केन्द्र केरलापाल, नारायणपुर द्वारा गाजरघास उन्मुलन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नारायणपुर के विभिन्न ग्रामों में किया जा राहा है, इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य यह है कि आम जनता एवं किसानो को गाजरघास के हानी कारक प्रभाव एवं उसके नियत्रण के बारे में जागरूक करना, कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारीयों के द्वारा बताया गया कि गाजर घास जिसे आमतौर पर कांग्रेस घास, चटक चादनी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक विदेशी घास है, यह विदेशी खरपतवार अधिकतर रोड के किनारे, घर के बाडी में बंजर भूमि सहित कई स्थानों में उगता है, जो कि मनुष्य के स्वास्थय के लिये हानिकारक है। यह त्वचा एवं श्वसन तत्र को जबरदस्त हानी पहुंचाता है। इस घास से एलर्जी इतनी हानी कारक होती है कि मनुष्य घातक रूप से अस्थमा से ग्रस्त हो सकती है। गाजर घास मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के लिये भी हानी कारक है। इसको नष्ट करने का उपाय यह है कि इस खरपतवार को फूलने से पहले ही उखाड़ कर जला देना चाहिए ताकि इसके बीज न बन पाए व न ही फैल पाए। जैविक उपाय जिसमे खरपतवार को छोटे अवस्था में 15 प्रतिशत नमक का घोल बना कर छिड़काव करना एवं अधिक मात्रा में फैल जाने पर खाली खेतों में मेढ़ पर ग्लाइफोसेट 41 फिसदी दवा का छिड़काव करने से इसका नियत्रंण किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारी के साथ किसान भाग ले रहे हैं।
Related Articles
Please comment
Check Also
Close