
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुशासन और नीतिगत नवाचार को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रिमंडल ने आज आईआईएम रायपुर में चिंतन शिविर 2.0 की शुरुआत की। यह दो दिवसीय गहन मंथन शिविर छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर के सहयोग से आयोजित किया गया है।
शिविर का आरंभिक दिन नेतृत्व, शासन और विकास से जुड़े विचारोत्तेजक सत्रों के नाम रहा। ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’, तथा ‘सक्षमता से सततता तक: सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार’ जैसे विषयों पर गंभीर संवाद हुआ।
इस ज्ञानमंच को और समृद्ध किया देश के जाने-माने विद्वानों और विशेषज्ञों ने—जिनमें शामिल रहे भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय, आईआईएम अहमदाबाद के डॉ. रविंद्र ढोलकिया, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य श्री संजीव सान्याल, वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक उदय माहुरकर, और ग्लोबल डिजिटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता।
दो दिनों तक चलने वाले इस संवादात्मक शिविर में शासन के हर पहलू पर गहन विमर्श होगा, जिसका उद्देश्य है—छत्तीसगढ़ को एक प्रभावशाली, उत्तरदायी और दूरदर्शी प्रशासनिक मॉडल की ओर अग्रसर करना।