तोमर ब्रदर्स पर शिकंजा कसता जा रहा है: अब निगम और आयकर विभाग भी मैदान में

रायपुर। शहर के कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित तोमर पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। पहले पुलिस ने उनके आलीशान घर पर छापा मारकर करोड़ों की संपत्ति, सोने-चांदी के जेवर और हथियार जब्त किए, और अब नगर निगम और आयकर विभाग की टीमें भी कार्रवाई के मोर्चे पर उतर आई हैं।
रविवार को निगम की दस्तक
रविवार की सुबह नगर निगम की टीम तोमर ब्रदर्स के निवास पर पहुंची। ज़ोन-8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव के नेतृत्व में पहुंची टीम ने परिजनों से मकान निर्माण से जुड़े दस्तावेज और टैक्स रसीदें मांगीं। थोड़ी देर पूछताछ के बाद दस्तावेज लेकर टीम लौट गई। यादव ने साफ किया कि दस्तावेजों की जांच की जाएगी और यदि निर्माण में अनियमितता पाई जाती है, तो अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जाएगी।
संपत्ति की जांच में जुटा आयकर विभाग
उधर आयकर विभाग की टीम भी दोनों भाइयों की संपत्ति की पड़ताल में जुट गई है। जांच का फोकस है— कितनी संपत्तियों का टैक्स दिया गया है, कितनी बेनामी संपत्तियां हैं और किस-किस नाम पर लेन-देन हुआ है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में उनके परिजनों से भी पूछताछ की जा सकती है।
पुलिस के हाथ लगे थे चौंकाने वाले सबूत
पुलिस की शुरुआती छापेमारी में वीरेंद्र और रोहित के घर से 37 लाख रुपये नकद, 734 ग्राम सोने और 125 ग्राम चांदी के जेवर, चार लग्ज़री गाड़ियां, हाईटेक गैजेट्स (आई-पैड, लैपटॉप, डीवीआर), दर्जनों बैंक दस्तावेज, नोट गिनने की मशीन और रजिस्टर बरामद हुआ था।
हथियारों का जखीरा भी मिला— जिसमें पांच तलवारें, एक रिवॉल्वर, एक पिस्टल, जिंदा कारतूस और खासतौर पर “आवाज़ी कारतूस” शामिल हैं, जिन्हें पुलिस के मुताबिक कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
भतीजे से हुई पूछताछ, लेकिन…
पूछताछ के लिए पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को हिरासत में लिया था। दो दिन की पूछताछ के दौरान उसने अधिकतर सवालों के जवाब यही कहकर टाल दिए— “सब चाचा को पता है।”
सात दिन से फरार हैं दोनों भाई
इस बीच, दोनों हिस्ट्रीशीटर भाई सात दिन से फरार हैं। पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है और लगातार दबिशें दी जा रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों गिरफ्त में होंगे।